भ्रष्टाचार लोकतंत्र के लिए खतरा: राष्ट्रपति

Update: 2013-04-06 00:00 GMT

नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भ्रष्टाचार देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए एक खतरा है। राष्ट्रपति ने कहा कि खबरा शासन की जड़, बदलाव के प्रति हमारी सुस्तीसे जुड़ी हुई है।
उन्होंने कहा, "अच्छा शासन, हमारा अडिग लक्ष्य होना चाहिए | हमें कानून के शासन के क्रियान्वयन में सुधार लाना चाहिए और एक सहमति भरा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।" राष्ट्रपति, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में जांच एजेंसी के अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा, "भ्रष्टाचार हमारे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने के लिए एक खतरा है और शासन का अभाव समाज में व्याप्त अक्षमताओं की जड़ है।" प्रणब ने कहा कि एक सजग पुलिस और जांच एजेंसी यह सुनिश्चित करा सकती है कि कोई भी अपराध करने वाला दंडित होने से न बच पाए।


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