नई दिल्ली | करोड़ों रुपये के कोयले घोटाले की सीबीआई जांच पर नया विवाद खड़ा हो गया है। एक अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक़ इस मामले पर पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देने से पहले सीबीआई ने कानून मंत्री अश्विनी कुमार और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ बैठकें की थीं। अखबार के मुताबिक कानून मंत्री के साथ सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में इस रिपोर्ट में कई संशोधन सुझाए गए थे और सीबीआई ने इन्हें मान लिया। अखबार के अनुसार इस बैठक में सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा भी मौजूद थे। बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर कहा कि ये गंभीर मामला है और प्रधानमंत्री को बचाने के लिए सीबीआई पर दबाव डालने का सबूत है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने भी इस मामले में सरकार से सफाई मांगी है और इस घोटाले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की है। जेटली ने कहा, यूपीए एक 'दुष्ट' सरकार है, जो सीबीआई को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देगी।
इस मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशक जोगिंदर सिंह का कहना है कि सीबीआई सरकार का एक मंत्रालय है और कोई भी सरकार इसे निष्पक्ष तरीके से काम नहीं करने देता। वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की आदत हो गई है देश को गुमराह करने की।