सीबीआई को असंवैधानिक बताने के फैसले पर उच्चतम न्यायालय ने लगायी रोक

Update: 2013-11-09 00:00 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को असंवैधानिक करार दिये जाने के फैसले पर आज स्टे लगा दिया है। केंद्र सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को असंवैधानिक बताये जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका आज ही दायर की। साथ ही इस पर तत्काल सुनवाई की भी मांग की।
केंद्र सरकार की इस मांग पर तत्काल प्रभाव से उच्चतम न्यायालय के चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम के आवास पर ही आज इस मामले की सुनवाई की गयी।
गुवाहाटी उच्चन्यायालय ने छह नवंबर को अपने एक फैसले में कहा था कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम 1946 के तहत गठित सीबीआई पुलिस बल नहीं है और यह अधिनियम का न तो एक अवयव है और न ही हिस्सा। फैसले में कहा गया है, `जहां हम वैधता बनाए रखने से इनकार करते हैं और घोषित करते हैं कि डीएसपीई अधिनियम 1946 विधान का वैध हिस्सा नहीं है, वहीं हम यह पा रहे हैं कि सीबीआई न तो डीएसपीई अधिनियम का अवयव है और न ही हिस्सा है और इसीलिए डीएसपीई अधिनियम 1946 के तहत गठित सीबीआई को 'पुलिस बल' नहीं माना जा सकता।`
उच्चन्यायालय ने सीबीआई गठित करने के गृह मंत्रालय के 1 अप्रैल 1963 के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पीपी मल्होत्रा ने सीबीआई के गठन से जुड़े 1963 के प्रस्ताव को खारिज करने के अभूतपूर्व फैसले को स्पष्ट रूप से गलत ठहराया है।



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