असम हिंसा के पीछे बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ : तोगड़िया

Update: 2012-07-26 00:00 GMT


वाराणसी/नई दिल्ली । असम में भड़के हुए दंगों में मारे गए और विस्थापित मूल वनवासियों और हिंदुओं के नरसंहार का कारण बांग्लादेशी घुसपैठियों और मतों के लोभी राजनेता हैं। उक्त बातें विश्व हिंदू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा है।

तोगड़िया ने कहा, ‘‘गत कई वर्षों से भारत पर आक्रामकों के हमले होते आये हैं,भारत स्वतंत्र हुआ, फिर भी पाकिस्तान और बांग्लादेश से कश्मीर, आसाम,बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा व अन्य राज्यों में लगातार घुसपेठ चल रही है। गत 15वर्षों में आसाम में बांग्लादेशी मुसलमानों ने सरकारी मदद से अपने पैर जमा लिए हैं कि उन्हें खुले में यह छूट मिली है कि वे आसाम के मूल वनवासियों,जनजातियों कि हत्या करें, उनके घर जलाएँ, खेतों पर कब्जा जमायें और उन्हें वहाँ से खदेड़कर वहाँ पाकिस्तान का, बांगला देश का झंडा फहराएँ! सरकारी कृपा के बिना यह संभव नहीं है और मुसलमान मतों के कारण आसाम के मूल जनजातियों को और हिंदुओं को संरक्षण देना छोड़ राजनेता बांग्लादेशी आयात मतों के सामने घुटने टेके हुए हैं।विहिप नेता ने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री और उनके पक्ष की प्रमुख श्रीमती सोनिया गांधी ने आसाम के मुख्यमंत्री को फोन कर केवल मुसलमानों को ही संरक्षण देने हेतु कहा, वहाँ सेना भेजी गयी, मूल जनजातियों और हिंदुओं को मारने के आदेश नहीं होते तो सरकारी बंदूकों से वनवासी और हिंदू नहीं मारे जाते। इस सरकार-प्रचालित नरसंहारी आतंक के लिए और आसाम की जनजातियों तथा हिंदुओं के मानवाधिकार हनन के लिए प्रधानमंत्री और  उनके पक्ष की प्रमुख तथा आसाम के मुख्यमंत्री भारत की जनता से क्षमा माँगे।

 



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