जगन की गिरफ्तारी से जहा उनकी पार्टी को सहानुभूति मिलने की आशा है, वहीं भाजपा पूरी काग्रेस को भ्रष्टाचार के कठघरे में खड़ा करने में जुटी है। यही कारण है कि मंगलवार को सीतारमण ने कहा कि राज्य में 2004 से काग्रेस की सरकार है। इसी काल में जगन के अलावा राज्य के कई मंत्रियों ने गलत काम किए। उन्होंने आरोप लगाया कि दरअसल उस वक्त जो कुछ हुआ उसकी जानकारी काग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व तक को थी। लेकिन अब कोर्ट के आदेश पर जगन के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई है। बाकी के मंत्रियों को अभी भी सरकार बचा रही है।
इधर, महंगाई के खिलाफ 31 को आयोजित भारत बंद से पहले पार्टी ने दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 1.26 पैसे कम करने को नाटक करार दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहा पैसे घटाए गए वहीं सीएनजी की कीमत बढ़ा दी गई। ऑटो से लेकर ट्रक और बसें तक सीएनजी पर चलती हैं। ऐसे में सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई है। वह सिर्फ राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए दाम घटाने की बात कर रही है। शीतकालीन सत्र में भी लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने लोकपाल पर बहस के दौरान भी वाईएसआर काग्रेस प्रमुख जगन के खिलाफ सीबीआइ कार्रवाई को लेकर काग्रेस की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए थे।