उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर 2011 से डाकघर बचत खातों पर ब्याज को 3.5 प्रतिशत से बढ़ा कर 4 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया गया है। मासिक आय योजना [एमआईएस] तथा राष्ट्रीय बचत पत्र [एनएससी-8वां निर्गम] पर परिपक्वता अवधि को 6 वर्ष से घटा कर 5 वर्ष कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि लोक भविष्य निधि [पीपीएफ] के तहत निवेश पर वार्षिक सीमा एक लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है। डाकघर सावधि जमा [पीओटीडी] 1,2,3&5 वर्ष की लिक्विडीटी में तुलनात्मक परिपक्वता वाली साविध जमाओं से एक प्रतिशत कम दर पर परिपक्वता अवधि से पूर्व आहरण की अनुमति देते हुए सुधार किया गया है। छह से 12 महीनों के बीच के निवेश के लिए परिपक्वता अवधि से पूर्व आहरण पर डाकघर बचत खाते [पीओएसए] की दर पर ब्याज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लघु बचत योजनाओं की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विभिन्न उपाय किए जाते हैं। और लघु बचत योजनाओं में निवेशकों की रुचि बनाए रखने के लिए इन योजनाओं की विशेषताओं की समय-समय पर समीक्षा की जाती है और इनमें विभिन्न सुधार एवं संशोधन किए जाते हैं।