रिश्तों में आएगा नया मोड़, महिलाएं आसानी से ले सकेंगीं तलाक

Update: 2012-03-24 00:00 GMT


नई दिल्ली केंद्र सरकार ने विवाह कानून में संशोधनोंको मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेटकी बैठक में विवाह कानून संशोधन विधेयक , 2010 में तलाक का नया आधार जोड़ा गया है। इसके मुताबिक, विवाह संबंध टूटने और किसी भी स्थिति में रिश्ता बहाल न होने को भी तलाक मंजूर करने के लिए वजह माना गया है।

 

कैबिनेट नोट के मुताबिक तलाक लेने की पति कीअर्जी का पत्नी इस प्रावधान के तहत विरोध कर सकती है।लेकिन, पत्नी इसी आधार पर तलाक का आवेदन करती हैतो पति को विरोध का अधिकार नहीं होगा। तलाक लेने के इच्छुक पति-पत्नी को दोबारा सोचने केलिए कितना वक्त दिया जाए यह कोर्ट तय करेगा। 

 

एक अन्य संशोधन के मुताबिक शादी के बाद पति को मिलीसंपत्ति में पत्नी भी हिस्सेदार होगी। यह हिस्सेदारी कितनीहोगी यह फैसला कोर्ट के विवेक पर छोड़ दिया गया है।अभी तक महिलाओं को अदालतों के जरिए सिर्फ गुजाराभत्ता मिल पाता है। इसके तहत गोद लिए गए बच्चों को कानूनन उतना ही हक मिलेगा जितना किसी भी दंपती की संतान (जैविक) को मिलता है। संशोधनों के संसद से पास होने के बाद तलाक लेने के भी नियमों में बड़े बदलाव होंगे। 

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