जनमानस

Update: 2012-12-11 00:00 GMT

हिन्दूवादी ठाकरे से सीख लें


शिवसेना प्रमुख बाला सा. ठाकरे की अंतिम यात्रा में 20 लाख लोगों ने भाग लिया। शायद आज तक भारत में किसी भी नेता की अंतिम यात्रा में इतने लोग नहीं उमड़े होंगे। आश्चर्य की बात तो यह है कि वे लोग भी उनसे मिलते रहते थे और उनको श्रद्धांजलि देने गए जिनकी आलोचना श्री ठाकरे अपने लेखों में करते रहते थे। श्री ठाकरे की चमत्कारी लोकप्रियता के तीन मुख्य कारण हैं। 1. अटूट राष्ट्र प्रेम, 2. निडर होकर अपनी बात कहना व उस पर कायम रहना, 3. हिन्दुत्व की खुलेआम वकालात करना। श्री ठाकरे की उपरोक्त बातें यदि सभी हिन्दूवादी नेता अपना लेवें तो हिन्दू विरोधी स्वत: ठंडे पड़ जाएंगे व जनमानस में भी उनकी छवि दब्बू, समझौतावादी, पाखंडी की नहीं रहेगी। हिन्दू विरोधी सेक्यूलर भी उनका लोहा मानेंगे व उनका वैसा ही सम्मान करेंगे जैसा बाला साहेब को मिला। बाला साहेब ने यह बात झुठला दी कि हिन्दू का पक्ष लेने से आपको कोई नहीं पूछेगा। उन्होंने यह कहावत भी सही साबित कर दी कि आक्रमण ही सबसे अच्छा बचाव है।                                                                          

                                                                              राजवीर सिंह,  इंदौर

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