बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों का असल प्रमाणपत्र न रोकें संस्थान
नई दिल्ली। द आॅल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने सभी तकनीकी संस्थानों को आदेश दिया है कि अगर कोई छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देता है तो उनका असल सर्टिफिकेट रोककर न रखें।
काउंसिल ने इस पर अमल न करने की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी चेताया है। दंड के तौर पर ऐसे संस्थानों के मान्यता को निलंबित किया जा सकता है, कुल जमा की हुई फीस का पांच गुना जुर्माना लगाया जा सकता है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एआईसीटीई को संस्थानों के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं जिनमें कहा गया है कि अगर छात्र कहीं दूसरी जगह कॉलेज बदलना चाहते हैं तो उनके असल प्रमाण पत्र को लौटाया नहीं जाता है और बाद के साल की फीस भी मांगी जाती है। एआईसीटीई ने बीच में पढ़ाई छोड़ने पर फीस वापस करने के लिए भी नियम निर्धारित किए हैं। एआईसीटीई के चेयरमैन प्रफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने बताया कि अप्रूवल प्रक्रिया के लिए जारी की जाने वाली हैंडबुक में स्पष्ट रूप से नियम बताए गए हैं।