एससी-एसटी एक्ट: मजदूरों को पैसे देकर कराया गया था उपद्रव

एससी-एसटी एक्ट: मजदूरों को पैसे देकर कराया गया था उपद्रव
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रुपए बांटने वालों की खोजबीन जारी, मजदूरों को रैली की कहकर ले गए थे उपद्रव कराने वाले

जांच-पड़ताल में खुल रही हैं परतें, संवेदनशील क्षेत्रों में लोग अभी भी असमंजस में

ग्वालियर, न.सं.। एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के विरोध में दो अप्रैल को किया गया उपद्रव सुनियोजित था। इस मामले की जांच-पड़ताल में खुलासा हुआ है कि गांवों से मजदूरी करने आए युवकों को रैली में शामिल होने की बात कहकर ले जाया गया था। रैली के दौरान मुरार और थाटीपुर क्षेत्र में युवकों ने जमकर उपद्रव कर तोड़फोड़ कर हंगामा कर दिया था। पैसों का लालच और आरक्षण खत्म किए जाने की बात कहकर पहले युवकों को उकसाया गया और उसके बाद शहर की सड़कों पर उन्हें उत्पात करने के लिए उतार दिया था।

दो अप्रैल को शहर में उपद्रवियों ने तोड़फोड़, मारपीट, आगजनी और लूटपाट कर जमकर हंगामा किया था तभी से इंटेलीजेंस लगातार यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में युवकों को कहां-कहां से बुलाकर कहां-कहां ठहराया गया था? उनके पीछे कौन था और उनकी मंशा क्या थी? जांच-पड़ताल के दौरान चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। बताया गया है कि मुरार चौराहे पर मजदूरी के लिए आसपास के गांवों से आने वाले युवकों को यह कहकर बुलाया गया था कि केन्द्र सरकार आरक्षण खत्म कर रही है। यहां से मजदूर युवकों को रैली में जाने की बात कहकर ले जाया गया। आधा सैकड़ा से ज्यादा युवकों को पहले बंद कमरे में उपद्रव करने के लिए उकसाया गया। इसके लिए प्रत्येक मजदूर युवक को दो सौ से लेकर पांच सौ रुपए तक दिए गए। सुनियोजित ढंग से युवकों को उपद्रव करने के लिए तैयार किया। युवकों ने मुरार के बाजारों में रेली निकाली। इसी दौरान वे हिंसक हो गए और उन्होंने तोड़फोड़ कर गाड़ियों में आग लगाना शुरू कर दी। थाटीपुर पुलिस को नाबालिग छात्रों ने अपने बयान में बताया भी है कि उन्हें उपद्रव के लिए उकसाया गया था। पुलिस के पास कुछ ऐसे नाम हैं, जिन्होंने शहर के शांतिप्रिय और सौहार्द्रपूर्ण माहौल को दूषित करने का प्रयास किया था। सूत्र बताते हैं कि उपद्रव कराने में सरकारी विभागों में जिम्मेदार पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का भी बहुत बड़ा योगदान है। मुरार थाना पुलिस चौराहों पर लगे सीसीटीवी से रुपए बांटकर युवकों को उपद्रव के लिए ले जाने वालों की पहचान करने का प्रयास कर रही है।

सबसे ज्यादा गणेशपुरा के उपद्रवियों ने मचाया था आतंक

दो अप्रैल को मुरार में उपद्रव करने वाले उपद्रवियों की पहचान होने लगी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजौली थाना क्षेत्र स्थित गणेशपुरा गांव के युवकों ने उपद्रव में सबसे ज्यादा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। गणेशपुरा के अलावा सिद्धपुरा के युवक भी उपद्रव में शामिल थे। गणेशपुरा के आधा सैकड़ा के करीब युवक बताए गए हैं, जिन्होंने हाथों में डंडे लेकर मुरार के बाजारों में तोड़फोड़ की थी। इन युवकों को पैसे देकर कौन लाया था? उनकी धरपकड़ की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि अधिकतर उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी से हो गई है। उनकी धरपकड़ के लिए पुलिस दबिश दे रही है। गणेशपुरा के अधिकतर लोग मुरार और थाटीपुर थाना क्षेत्रों में रहते हुए समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। पुलिस ने उपद्रवियों के चेहरे पहचानने के बाद उनके नाम पते तक चिन्हित कर लिए हैं। इन युवकों को पैसे देने वाले मुरार के सगर डॉक्टर की भी तलाश की जा रही है। सगर डॉक्टर ने ही युवकों को पैसे देने की व्यवस्था की थी।

कुछ दिन पहले मटकापुरा में हुई थी बैठक

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गुंधारा के पास मटकापुरा में एक सैकड़ा के करीब उन उपद्रवियों की बैठक आयोजित की गई थी, जिन्होंने मुरार और थाटीपुर में उपद्रव किया था। पुलिस ने गणेशपुरा में दबिश दी थी, जिसके चलते उपद्रवी मटकापुरा भाग गए थे। गणेशपुरा और उसके आसपास के गांवों में उपद्रवियों की सबसे ज्यादा बसाहट है।

पैसे देकर उपद्रव कराने वाले जल्दी होंगे गिरफ्तार

सूत्रों की मानें तो पुलिस के पास उन शासकीय कर्मचारियों के नाम पहुंच गए हैं, जिन्होंने बाकायदा शहर में उपद्रव करने के लिए युवकों को पैसे बांटे थे। इनको कभी भी गिरफ्तार कर पूछताछ की जा सकती है।

इनका कहना है

उन उपद्रवियों की पहचान हो गई है, जिन्होंने मुरार और थाटीपुर में आतंक मचाया था। चिन्हित किए गए उपद्रवियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
रत्नेश सिंह तोमर, नगर पुलिस अधीक्षक, मुरार

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