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पुलिस के एसआई से ली रिश्वत - ‘32’ पर गोला लगाकर वसूल लिए ‘320’

पुलिस के एसआई से ली रिश्वत - ‘32’ पर गोला लगाकर वसूल लिए ‘320’
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जन्म-मृत्यु कार्यालय पर पुलिस के एसआई से ली रिश्वत

ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। नगर निगम का जन्म मृत्यु कार्यालय भ्रष्टाचार का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। यहां पदस्थ अधिकारी 32,23,25 लिखकर यदि उस पर गोला लगा दें तो समझिए चपरासी उस पर एक जीरो बढ़ाकर पैसे वसूलेगा। यदि आपने चपरासी को मनमाने पैसे नहीं दिए तो आपका जन्म अथवा मृत्यु का प्रमाण पत्र लटका ही रहेगा। ऐसा ही एक रोचक मामला सामने आया है जिसमें पुलिस के एसआई से उसके बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में सुधार के लिए अधिकारी ने 32 लिखकर गोला लगा दिया। तो चपरासी ने 320 रुपए वसूल लिए। इस पर एसआई और अधिकारी के बीच काफी कहा सुनी भी हुई। बाद में एसआई ने इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन के अलावा निगमायुक्त से की है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस एसआई जितेन्द्र शाक्य आनंद नगर में रहते हैं और उनकी पदस्थापना पुलिस कन्ट्रोल रूम शिवपुरी में हैं। उन्होंने अपने ढ़ाई साल के पुत्र अंशुल शाक्य का जन्म प्रमाण पत्र बनवाया था। बाद में वे उसमें सुधार के लिए 16 फरवरी को बाल भवन स्थित जन्म मृत्यु कार्यालय पहुंचे, वहां उन्हें चपरासी प्रेम बाबू ने प्रांशुल शाक्य का नाम प्रांशुल सिंह कराने के लिए शपथ पत्र बनबाने सहित कुछ प्रक्रिया समझाई। एसआई शाक्य ने शपथ पत्र बनबाकर प्रेम बाबू से भेंट की तो उन्होंने कहा कि आप हमारे अधिकारी से मिल लें। वे अधिकारी से मिले तो उन्होंने उनके कागजों पर ‘32’ लिखकर गोला लगा दिया। वे समझे कि चलो उनका काम 32 रुपए में हो जाएगा, लेकिन जैसे ही वह चपरासी के पास गए तो वह बोला कि 320 रुपए जमा कराइए। इस पर एसआई ने कहा कि कागज पर 32 लिखा है फिर 320 रुपए काहे के, क्या इसकी रसीद दी जाएगी। तो चपरासी बोला इसकी कोई रसीद नहीं मिलेगी। यदि आपको दिक्कत है तो पुन: अधिकारी से मिल लें। वह पुन: अधिकारी के पास गए तो अधिकारी ने काफी अभद्रता से बात करते हुए कहा कि यह पैसे चालान के जरिए बैंक में जमा होंगे। इतना ही नहीं उनका यह भी डायलॉग था कि-‘हम आपके उस ठुल्ले की तरह नहीं है जो सौ-दौ सौ रुपए लेकर स्कूटर छोड़ देता है’।
इस तरह एसआई ने चपरासी को 320 रुपए देकर प्रमाण पत्र में संशोधन करा लिया। इसके बाद एसआई ने 18 फरवरी को सीएम हेल्प लाइन में शिकायत क्र. 5531431 दर्ज कराई कि उनसे किस तरह नगर निगम के जन्म मृत्यु कार्यालय में रिश्वत लेकर बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन किया गया। ताज्जुब की बात यह रही कि सुबह सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज होने के बाद उसी दिन शाम पांच बजे उसी निगम अधिकारी का फोन आ गया कि यह क्या कर दिया। इतना ही नहीं प्रेम बाबू और सतेन्द्र त्रिपाठी उनके आनंद नगर निवास पर स्थित चक्कर लगा रहे है और गिड़गिड़ाकर कह रहे है कि शिकायत वापस ले लो। हम आपके पैसे वापस कर देंगे। हमें माफ कर दो।

इनका कहना है

‘‘मैं अपने बेटे प्रांशुल के जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन कराने बालभवन गया तो कागजों पर 32 लिखकर 320 रुपए वसूले गए, जब मैंने रजिस्ट्रीकरण अधिकारी डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव से बात की तो वे अभद्रता पर उतारू होकर काफी भला बुरा कह रहे थे। लेकिन सीएम हेल्पलाइन और निगमायुक्त से शिकायत करने के बाद अब उनकी भाषा पूरी तरह बदली हुई है। चपरासी प्रेम बाबू मुझसे शिकायत वापस लेने दवाब डाल रहा है। ’’

जितेन्द्र शाक्य

एसआई पुलिस कंट्रोल रूप शिवपुरी

‘‘जन्म मृत्यु कार्यालय में कोई भी आवेदन जन मित्र केन्द्र के माध्यम से आता है फिर बैंक में चालान के जरिए शुल्क जमा होता है। हमारे यहां जितेन्द्र शाक्य से किसी ने कोई रिश्वत नहीं ली। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की कोई जानकारी नहीं है।’’

डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव

रजिस्ट्रीकरण अधिकारी जन्म मृत्यु नगर निगम

Updated : 5 March 2018 12:00 AM GMT
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