पुराने स्वरूप में नजर आएगी जयारोग्य की ऐतिहासिक इमारत

पुराने स्वरूप में नजर आएगी जयारोग्य की ऐतिहासिक इमारत
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इंटेक एजेंसी ने किया निरीक्षण, संभागायुक्त को सौंपेगी रिपोर्ट

ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय की ऐतिहासिक इमारत (पत्थर वाले भवन) को मूल स्वरूप में लाने के लिए इंटेक एजेंसी के विशेषज्ञों ने गुरुवार को पत्थर वाले भवन सहित अन्य इमारतों का निरीक्षण किया। इस दौरान एजेंसी के सदस्यों ने अस्पताल का सर्वे किया और अपनी रिपोर्ट संभाग आयुक्त को सौंपने की बात कही, जहां से मंजूरी मिलते ही भवन में कार्य शुरू हो जाएगा।

दरअसल संभागायुक्त बी.एम. शर्मा एवं जिलाधीश राहुल जैन ने विगत एक माह पूर्व जयारोग्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस ऐतिहासिक इमारत को उसके पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है। इस पर संभागायुक्त श्री शर्मा ने इंटेक एजेंसी से इस इमारत का निरीक्षण करने की बात कही थी। इसी के चलते गुरुवार को इंटेक एजेंसी के अधिकारी संजय मित्तल एवं अशोक भार्गव जयारोग्य चिकित्सालय पहुंचे, जहां उन्होंने प्रभारी सहायक अधीक्षक डॉ. सुरेन्द्र यादव एवं नोडल अधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुशवाह के साथ पत्थर वाले भवन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भूतल से लेकर छत तक की स्थिति देखी। इस दौरान सदस्यों ने अस्पताल की दीवार और गुंबद को देखने के बाद अंदर से अस्पताल की स्थिति भी देखी, साथ ही गुंबद की नक्कासी के फोटो भी लिए। इसके बाद एजेंसी के अधिकारी सेंट्रल स्टोर की प्राचीन इमारत का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि इस इमारत में ज्याजा काम नहीं करना पड़ेगा। यह इमारत अभी भी ठीक है। आर्किलॉजिस्ट संजय मित्तल का कहना है कि जयारोग्य का भवन ठीक हो सकता है। इसके लिए भवन में रेस्पिरेशन कंजरवेशन किया जाएगा। श्री मित्तल ने बताया कि निरीक्षण की रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंपी जाएगी। संभागायुक्त की स्वीकृति मिलते ही डीपीआर तैयार की जाएगी, उसके बाद काम शुरू कर दिया जाएगा।

इनका कहना है

‘‘इंटेक एजेंसी के अधिकारियों ने पत्थर वाले भवन का निरीक्षण किया है। उनका कहना है कि पत्थर वाले भवन एवं सेन्ट्रल दवा स्टोर की इमारत को पुराने स्वरूप में लाया जा सकता है।’’

डॉ. देवेन्द्र कुशवाह
नोडल अधिकारी

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