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दतिया - ग्वालियर की ऊंची उड़ान

दतिया - ग्वालियर की ऊंची उड़ान
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प्रधानमंत्री आवास योजना में देशभर में पहले और दूसरे स्थान पर


ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक हर जरूरतमंद को सिर के ऊपर छत का नारा ग्वालियर चंबल संभाग में जीवंत होता दिखाई दे रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में ग्वालियर चंबल संभाग के दतिया ने पहले और ग्वालियर जिले ने दूसरा स्थान प्राप्त कर परचम लहरा दिया है। इतना ही नहीं भिण्ड और मुरैना भी क्रमश: तीसरे और चौथे पायदान पर आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश के आधे से अधिक जिलों ने इस सूची में स्थान हासिल किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण अंचल में जरूरतमंदों को पक्के घर मुहैया कराने में ग्वालियर एवं चंबल संभाग देशभर के लिये मॉडल संभाग बनकर सामने आए हैं। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी की गई। रैंकिंग में ग्वालियर एवं चंबल संभाग के चार जिले पहली चार पायदान पर रहे हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग में दतिया जिले को पहला स्थान मिला है। ग्वालियर जिला दूसरे स्थान, भिण्ड तीसरे और मुरैना चौथे स्थान पर रहा है। यह जानकारी दतिया जिलाधीश मदन कुमार और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप माकिन ने ग्वालियर से भ्रमण करने दतिया पहुंचे पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दतिया जिले के ग्रामीण अंचल में निर्धारित 4 हजार 331 आवास का लक्ष्य था, जिसमें से 3 हजार 693 पक्के आवास बनकर तैयार हो गए हैं। इसी तरह ग्वालियर जिले में 5 हजार 163 के लक्ष्य के विरूद्ध 4 हजार 525, भिण्ड जिले में 4 हजार 10 के लक्ष्य के विरूद्ध 3 हजार 175 और मुरैना जिले में 11 हजार 97 के लक्ष्य के विरूद्ध 7 हजार 655 पक्के आवास बनाए जा चुके हैं।

स्कूलों के शौचालय की बदली तस्वीर: दतिया के ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों की तस्वीर भी बदल रही है। यहां बालिकाओं को गुलाबी रंग के और बालकों को नीले रंग के शौचालय चिन्हित किए जा रहे हैं। ताकि दूर से ही पता लग जाए कि बालक और बालिकाओं के शौचालय कौन से हैं।

मेडीकल कॉलेज एवं नए कलेक्ट्रेट की सौगात: दतिया शहर में विकास के कई सौपान तय किए जा रहे हैं। जिनमें दतिया मेडिकल कॉलेज और नया कलेक्टेÑट भवन बनकर तैयार है। यह सब क्षेत्रीय विधायक एवं प्रदेश में केबिनेट मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के प्रयासों से हो पाया है।

वृद्धा बूंदाबाई की आंखें छलछलार्इं

दतिया उनाव में बूंदाबाई के पति का निधन उस समय हो गया जब उसका एक बेटा और एक बेटी दूंधमूंही थी। लेकिन बूंदाबाई ने मेहनत मजदूरी कर दोनों की परवरिश शुरू की लेकिन ईश्वर ने उनका इकलौता बेटा लालाराम भी टीबी की बीमारी से काल के गाल में चला गया। लेकिन अब उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में घर मिल गया है तो वे अपनी बेटी के साथ इसी मकान में रहने लगी हैं। उन्हें शौचालय और उज्जवला योजना के तहत चूल्हा एवं रसोई गैस भी मिल गए हैं। इसी तरह ऐवरन एवं स्वदेश को भी पक्का मकान मिल गया है। उनके दो बेटे हैं। खपरैल में रहने वाले इस परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि वे पक्के मकान के नीचे सो सकेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की योजना ने उन्हें पक्की छत नसीब करा दी है।

Updated : 29 March 2018 12:00 AM GMT
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