इराक में फंसे सभी 39 भारतीयों की मौत: सुषमा स्वराज

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को इराक में अगवा किए 39 भारतीयों की मौत की पुष्टी कर दी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा कि इराक में अगवा हुए 39 भारतीयों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि सभी मृत लोगों के डीएनए मिल गए हैं। मृतकों के शरीर को उनके परिवार को सौंपा जाएगा। इराक में मारे गए 31 लोग पंजाब , 4 हिमाचल से, चार बिहार के है। सभी के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से भारत लाया जाएगा। राज्यसभा में सुषमा ने कहा, मैंने पिछले साल ही सदन में कहा था कि जब तक मुझे पक्के तौर पर कोई प्रमाण नहीं मिलेगा मैं लापता लोगों को मृत घोषित नहीं करूंगी। कल हमें इराक सरकार की तरफ से सूचना दी गई कि 38 लोगों के डीएनए 100 फीसदी मिल गए हैं और एक व्यक्ति का 70 फीसदी तक डीएनए मिल गया।
जनरल वीके सिंह मार्टियस फाउंडेशन के सर्टिफिकेट के साथ उनके पार्थिव शरीर लेकर आएंगे। जहाज अमृतसर उतरेगा 31 लोग हिमाचल और पंजाब के हैं और फिर पटना और कोलकाता जाएंगे। मैंने कहा था कि पक्के सबूत के साथ क्लोजर करूंगी। जब हम परिवारजन को उनकी पार्थिव शरीर को अस्थियां दे देंगे तो उनको क्लोजर रिपोर्ट सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि एक पहाड़ पर सभी भारतीयों को दफना दिया गया था। भारतीय जांच दल ने इराक सरकार की मदद से पहाड़ खुदवाकर सभी शवों को बाहर निकलवाया। उन्होंने कहा कि मौके से कई सामान भी मिले है। इसके बाद सभी शवों का डीएनए करवाया गया। एक शव का डीएनए नहीं मिला है, बाकी शवों का डीएनए मैच हो गया है।
उन्होंने कहा कि हरजीत मसीह ने झूठा बयान दिया। मुझे 40 अगवा लोगों में से एक जीवित बचे शख्स हरजीत ने मुझे फोन किया था और बचाने की अपील की थी। उसने जो भी कहानी बताई थी कि 39 लोगों को सिर में गोली मारी गई और उसे पैर में। वह जंगल में भाग गया, यह सब गलत है। वह अली बनकर ट्रक में छिपकर भागा और इसकी पुष्टि भी जिस कंपनी में काम करता था उसने भी इसकी पुष्टि कर दी है। सुषमा ने कहा कि लापता भारतीयों को खोजने के लिए मेरे सहयोगी जनरल वीके सिंह ने बहुत मशक्कत की।
उन्होंने कई बार मोसुल और बगदाद की यात्राएं की और इराक के गांवों तक पहुंचे। जनरल सिंह गांव के एक छोटे कमरे में जमीन पर सोए, लेकिन लापता लोगों के मृत होने का पुख्ता प्रमाण लेकर ही लौटे। उन्होंने कहा, मैं धन्यवाद करना चाहती हूं इराक सरकार का भी जिन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया। मैं प्रधानमंत्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहूंगी जिन्होंने 3 वर्षों तक मुझे जांच जारी रखना दिया। मैं चाहूंगा कि सदन के सभी सदस्य उन्हें भाव भरी श्रद्धांजलि दें।