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दो दिन बाद भी नहीं पहुंची जांच समिति, 1984 की दवाओं पर भी उठ रहे हैं सवाल

दो दिन बाद भी नहीं पहुंची जांच समिति, 1984 की दवाओं पर भी उठ रहे हैं सवाल
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-49 ऐसी व फ्रिजर सहित कई बड़े उपकरणों पर उठ रहे सवाल
-मामला जयारोग्य अस्पताल के कबाड़खाने में लगी आग का


ग्वालियर/सुजान सिंह बैस। जयारोग्य अस्पताल के कबाड़खाने में लगी आग का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। कबाड़ा स्टोर में आग कैसे लगी और स्टोर में क्या-क्या सामान रखा था? इस संबंध में अस्पताल के अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि कबाड़ा स्टोर में 49 ऐसी सहित कई बड़े उपकरण रखे हुए थे, जिसको लेकर अब अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि जले हुए उपकरणों के अवशेष कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। वहीं घटना के दो दिन बीत जाने के बाद भी न तो अस्पताल प्रबंधन जले हुए सामान की सूची तैयार करा सका है और न ही जांच समिति घटना स्थल पर पहुंची है।

जयारोग्य अस्पताल के सेन्ट्रल दवा स्टोर के पास स्थित कबाड़ा स्टोर में विगत सात मार्च को देर रात भीषड़ आग लग गई थी। इसके चलते स्टोर में रखे कंडम उपकरण पूरी तरह जलकर खाक हो गए थे, लेकिन घटना के दो दिन बाद भी अस्पताल प्रबंधन जले हुए सामान की सूची तैयार नहीं करा पाया है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कबाड़ा स्टोर में ट्रॉमा सेन्टर, आईसीयू, बर्न यूनिट सहित अन्य विभागों से निकले करीब 49 कंडम ऐसी रखे हुए थे। इसके साथ ही स्टोर में दंत रोग विभाग की कंडम डेन्टल चेयर यूनिट, दो वाटर कूलर, फ्रिज सहित कई महंगे कंडम उपकरण रखे हुए थे, जिनकी कीमत लाखों में बताई जा रही है। इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि जले हुए उपकरणों के अवशेष मलबे में दिखाई ही नहीं दे रहे हैं और न ही इस मामले में अस्पताल प्रबंधन कोई रुचि दिखा रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने दो दिन बीत जाने के बाद भी जले हुए सामान की सूची तक तैयार नहीं कराई है, जबकि सामान खुले में पड़ा हुआ है।

1984 की दवाओं पर भी उठ रहे हैं सवाल

कबाड़ा स्टोर में आग के मलबे में वर्ष 1984 की जली हुई दवाएं भी बड़ी मात्रा में मिली हैं। इसको लेकर भी अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं कि इतने वर्ष पुरानी दवाएं स्टोर में कहां से पहुंचीं। वहीं इस मामले में दवा स्टोर प्रभारी डॉ. देवेन्द्र कुशवाह का कहना है कि दवाएं कंडम सामान के साथ अलमारियों में वार्डों से भेजी गई होंगी। जब सामान कंडम हो जाता है तो समिति द्वारा सामान की जांच कर स्टोर में भेजा जाता है।

Updated : 10 March 2018 12:00 AM GMT
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