पत्नी बोली ‘खून का बदला खून से’ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रामअवतार

पत्नी बोली ‘खून का बदला खून से’  पंचतत्व में विलीन हुए शहीद रामअवतार
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ग्वालियर, न.सं.। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के समीप पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में शहीद हुए राइफलमैन रामअवतार लोधी का सोमवार को देर शाम उनके गृहगांव बरौआ में भारत माता के जयकारों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मासूम बेटे दिव्यांश ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। शहीद जवान के अंतिम संस्कार में सेना के अधिकारी, जवान और हजारों लोग शामिल हुए। इस अवसर पर शहीद जवान को बंदूकों से सलामी दी गई। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शहीद जवान रामअवतार लोधी के गृहगांव पहुंचकर शहीद को पुष्प अर्पित किए और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर कंधा भी दिया।

ग्वालियर के पुरानी छावनी थाना क्षेत्र स्थित बरौआ गांव का नाम सोमवार को इतिहास में दर्ज हो गया। इस गांव में जन्मे रामअवतार लोधी दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद हो गए थे। सोमवार शाम को शहीद राइफलमैन रामअवतार की पार्थिव देह गृहगांव पहुंंची। तिरंगे झंडे में लिपटे शहीद रामअवतार को देख मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गर्इं। सेना के अधिकारी और जवान तिरंगे झंडे में लिपटी उनकी पार्थिव देह को सेना के वाहन से लेकर गृहगांव पहुंचे। गांव में हजारों लोगों के बीच परिजन अपने कलेजे के टुकड़े का इंतजार कर रहे थे। पार्थिव देह को देखते ही शहीद की पत्नी रचना बेसुध हो गई, जबकि दोनों भाई महेन्द्र और शंकर का सीना गर्व से ऊंचा था। होनहार और जांबाज भाई रामअवतार लोधी के शहीद होने का गम तो उनके चैहरे पर आसानी से देखा जा सकता था, लेकिन देश की रक्षा करते हुए भाई की शहादत पर उन्हें गर्व भी हो रहा था। शहीद की अंतिम यात्रा गांव के सरकारी स्कूल के पास स्थित पार्क के लिए रवाना हुई। भारत माता के जयकारों के साथ शहीद रामअवतार लोधी का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद पिता को मुखाग्नि तीन वर्षीय बेटे दिव्यांश और भाई शंकर ने दी। इस अवसर पर सेना के जवानों ने गार्ड आॅफ आॅनर देते हुए बंदूकों से सलामी दी। पुलिस प्रशासन ने भी व्यवस्थाओं का जिम्मा संभाल रखा था।

पाकिस्तान को सबक सिखाएं: रचना

अपने पति रामअवतार लोधी की शहादत पर पत्नी रचना का रो-रोकर बुरा हाल है। उसने कहा कि मेरे पति के खून का बदला खून से लिया जाए। पाकिस्तान को सबक सिखाया जाना चाहिए। रचना ने अपने दो मासूम बच्चों की परवरिश के लिए सरकार से व्यवस्था करने की बात कही। शहीद रामअवतार कातीन साल का बेटा दिव्यांश और एक साल की बेटी मानसी है।
प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने की नारेबाजी

प्रशासन नहीं चाहता था कि शहीद जवान रामअवतार की अंत्येष्टि शासकीय जमीन पर की जाए। इस बात को लेकर गांव के सभी लोग नाराज हो गए। इसके बाद प्रशासन झुका और गांव में ही स्थित पार्क के बगल में पड़ी शासकीय जमीन पर शहीद की अंत्येष्टि की गई। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर दी।

अंत्येष्टि में शामिल हुए भाजपा नेता

सीमा पर शहीद हुए रामअवतार लोधी की अंत्येष्टि में विधायक भारत सिंह कुशवाह, साडा अध्यक्ष राकेश जादौन, मेहगांव मण्डी अध्यक्ष एवं किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री देवेन्द्र सिंह नरवरिया, जिला महामंत्री शरद गौतम, महेश उमरैया, रमाकांत महते, बिहबल सिंह सेंगर, बलवीर तोमर सहित अन्य कई भाजपा नेताओं ने शामिल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मां और बहन का रो-रोकर बुरा हाल

शहीद रामअवतार की मां और छोटी बहन वर्षा का रो-रोकर बुरा हाल है। मां अपने बेटे को पुकार रही थी तो बहन भाई को तिरंगे झंडे में लिपटा देख दहाड़ें मारकर रो रही थी। शहीद रामअवतार की तीन बहने हैं, जिनमें से दो का विवाह हो चुका है, जबकि वर्षा अविवाहित है।

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