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भ्रष्टाचारियों का कारनाम: 28 लाख की नई स्वीपिंग मशीन, किराया दे दिया 25 लाख

भ्रष्टाचारियों का कारनाम:  28 लाख की नई स्वीपिंग मशीन, किराया दे दिया 25 लाख
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मध्यप्रदेश/मंदसौर। नगरपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगना नई बात नहीं है, लेकिन एक और मामला सामने आया है। जिसमें सडकों की धूल साफ करने के लिए नगरपालिका ने स्वीपिंग मशीन तीन माह के लिए किराये पर मंगाई। इसके लिए 25 लाख रुपए का भुगतान किया किया गया। हकीकत यह है कि नई मशीन 28 लाख रुपए में आ रही है। मशीन चलने से सडके उखड़ रही है। इस प्रकार मशीन एक और घटिया निर्माण की पोल खोल रही है तो दूसरी और नगरपालिका के जवाबदारों की पोल भी मशीन के लिए अदा किया गया किराया खोल रहा है।

मशीन को किराये पर लेने के लिए नगरपालिका ने बिना किसी योजना के मशीन को किराये पर लेने के लिए टेंडर निकाल दिए। इसमें इंदौर की सिर्फ एक कंपनी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट का लगभग 25 लाख का टेंडर आया। इस टेंडर पर विचार किए बिना अंतिम निर्णय ले लिया गया। इसका मतलब है कि नगरपालिका हर माह 8.34 लाख रुपए मशीन का किराया देने के लिए तैयार हो गई। 24 नवंबर से 25 फरवरी तक के लिए मशीन किराये से ली गई। अब जब मशीन के बारे में जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि जेसीबी कंपनी की एक बेहतरीन मशीन 28 लाख रुपए में मार्केट में मिल रही है, लेकिन जवाबदारों ने इस बात को जानते हुए भी मशीन को किराये पर दे दिया। जिससे कई सवाल नगरपालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर उठ रहे हैं।

सीएमओ सविता प्रधान का कहना है कि टेंडर मंगाए गए थे। जिसमें एक ही टेंडर आया था। इसके बाद उसे ठेका दे दिया गया। इधर मशीन ने घटिया मटेरियल से बनी सडकों की पोल भी खोल कर रख दी है।

Updated : 5 Feb 2018 12:00 AM GMT
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