परिषद की बैठक में भड़के पार्षद, अमृत योजना को विष-कैंसर कह डाला

पार्षद बोले-ठेकेदार होशियार है तो निगम अधिकारियों का क्या काम
ग्वालियर,न.सं.। शहर के वार्डों मे होने वाले विकास कार्यो में अड़ंगा लगाने पर अब विपक्ष के साथ सत्ताघारी दल के पार्षद भी नगर निगम के अधिकारियों पर अपना गुस्सा उतारने में लगे हैं। शुकवार को आयोजित परिषद की बैठक में पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर करोड़ों खर्च का हिसाब न देने के बाद पार्षदों को योजना की जानकारी न होने पर अमृत योजना को विष-कैंसर तक कह डाला। वहीं परिषद बैठक शुरू होते ही समय अवधि निकलने पर बैठक बुलाने, जलप्रदाय व नवीन कार्यो को कराने के बिन्दु को दो जगह पर होने पर नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने परिषद में आपत्ति दर्ज करवाई। जिस पर महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने विपक्ष की सक्रियता न होने का हवाला देकर उल्टे विरोध कर रहे नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित को घेरा।
शुक्रवार को जलविहार में आयोजित परिषद की बैठक में पुरानी टंकियों के लिए बजट में रखे 1 करोड़ में से 50 लाख व पंपिंग लाइन संधारण के लिए आरक्षित राशि 2.50 करोड़ में से 1 करोड़ की रकम देने संबंधी प्रस्ताव पेश किया। जिस पर परिषद में सत्ताधारी दल के पार्षद वंदना अरोरा, धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह, बलवीर सिंह तोमर, दयाराम पाल, दिनेश दीक्षित ने अमृत योजना के कार्यो में देरी व ड्राइंग न देने के साथ अब तक खर्च की गई राशि का हिसाब नहीं देने पर जमकर हंगामा किया। पार्षद बलवीर तोमर ने कहा कि किसी भी पार्षद को अमृत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, निगम के अधिकारी क्या कर रहे हैं, यह कोई नहीं जान पा रहा है। वहीं सत्ताधारी दल के पार्षदों ने स्मार्ट सिटी योजना और अमृत योजना के नाम पर पिछले दो वर्षों से कार्य अटकाने पर निगम अधिकारियों को निशाने पर लिया।
परिषद में विपक्ष के नेता कृष्णराव दीक्षित ने अमृत योजना कार्य के दौरान नारायण विहार कॉलोनी में दो मजदूरों की मौत पर एजेंसी पीडीएमसी पर निशाना साधा। वहीं अमृत योजना का कार्य करने वाली एजेंसी पर महापौर श्री शेजवलकर ने भी अपना विरोध दर्ज कराया। महापौर श्री शेजवलकर ने कहा कि सभी पार्षदों को बुलाकर अमृत योजना के बारे में जानकारी दी जाए। हंगामा होता देख निगमायुक्त विनोद शर्मा ने बताया कि मजदूरों की मौत के मामले में अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी द्वारा जांच की जा रही है। साथ ही 12 फरवरी तक सभी पार्षदों को उनके क्षेत्र में होने वाले अमृत योजना के कार्यों की विस्तृत जानकारी दे दी जाएगी। परिषद में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए समेकित दर 500 रुपए करने का प्रस्ताव आया। जिस पर पहले तो विपक्ष ने हंगामा किया। लेकिन बाद में महापौर श्री शेजवलकर व सत्तापक्ष के पार्षदों ने बहुमत के आधार पर प्रस्ताव को पारित करवा लिया। इसके अलावा निगम की विभिन्न रिक्त दुकानों व संपत्ति के लीज हेतु 14 प्रस्तावों को स्वीकृत किया गया।
बाबूलाल चौरसिया ने शहरकाजी के कार्यालय पर बैठाई जांच
शुक्रवार को परिषद की बैठक में जैसे ही शहरकाजी अब्दुल हमीद की लश्कर में कार्यालय के लिए लीज का मामला आया, तो हिन्दू महासभा के पार्षद बाबू लाल चौरसिया ने अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होनें कहा कि जमीन का आवंटन गलत तरीके से हुआ है। इस मामले में जांच होनी चाहिए। जिसके बाद परिषद में सर्व सम्मति से निर्णय हुआ कि तीन सदस्य दल दो महीने के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगा।
भवन स्वामी को बचाया, ठेकेदार पर फोड़ा ठीकरा
बीते माह शिंदे की छावनी स्थित उर्मिला दुबे के भवन निर्माण में एक मजदूर की मौत पर एक जांच समिति बनाई गई थी। जिसमें समिति ने अपनी रिपोर्ट में ठेकेदार व आर्किटेक्ट व ठेकेदार पर ठीकरा फोड़ते हुए भवन स्वामी को क्लीनचिट देने की जानकारी परिषद में दी।