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राष्ट्रीय रामायण मेला व श्रीराम कथा शुरू

राष्ट्रीय रामायण मेला व श्रीराम कथा शुरू
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ग्वालियर, न.सं.। पीत बसनों में सजी-धजीं और सिर पर मंगल कलश धारण किए हजारों महिलाएं। धर्म ध्वजा लिए अश्वों पर सवार और पैदल चलते भारतीय सनातन संस्कृति के संवाहक। यहां बात हो रही है राष्ट्रीय रामायण मेला एवं श्रीराम कथा के उपलक्ष्य में निकली शोभा यात्रा की। यह शोभा यात्रा जब शनिवार को हजीरा स्थित मनोरंजनालय परिसर में पहुँची तो ऐसा लगा मानो सम्पूर्ण प्रांगण ने दिव्य तीर्थ का रूप ले लिया है। इस शोभा यात्रा में मंगल कलश लिए लगभग 3100 महिलाओं सहित लगभग 5 हजार श्रद्धालु शामिल हुए। यह कथा 17 से 23 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। बादलगढ़ दुर्ग द्वार से शुरू हुई कलश यात्रा में उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया धर्म ध्वजा लेकर शामिल हुए।

सम्पूर्ण मार्ग में स्थानीय निवासियों ने पुष्प वर्षा कर शोभा यात्रा का स्वागत किया। रास्ते भर रामधुन भी चलती रही। रथों पर सवार श्रीराम दरबार की सजीव झांकी, संतजन एवं ढ़ोल-ढ़माकों के बीच मंगल कलश धारण किए हुए चल रही महिलाएं एवं श्रद्धालु जब मनोरंजनालय परिसर में पहुंचे तो अदभुत एवं अलौकिक दृश्य दिखाई दिया। राष्ट्रीय रामायण मेला के लिए मनोरंजनालय परिसर को अयोध्या धाम का नाम दिया गया है। कलश यात्रा के मनोरंजनालय पहुंचने के बाद वैदिक रीति से हनुमान ध्वजा स्थापित की गई। इसके पश्चात श्रीरामचरितमानस कलश की स्थापना कराई। इस मौके पर संगीतमय सुंदरकाण्ड पाठ का आयोजन हुआ। इस मानस महाकुंभ में प्रवचन के लिए महंत स्वामी नृत्यगोपालदास महाराज, जगदगुरू रामानंदाचार्य, माँ कनकेश्वरी, साध्वी ऋतम्भरा, संत राजेन्द्रदास महाराज, संत राजेश्वरानंद महाराज, संत रविशंकर महाराज, रामदास महाराज, स्वामी शांतिस्वरूपानंद महाराज एवं साध्वी दीपा भारती आदि शामिल हैं।

Updated : 18 Feb 2018 12:00 AM GMT
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