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मकर संक्रांति कल, धनु राशि में बनेगा चतुर्गही योग

मकर संक्रांति कल, धनु राशि में बनेगा चतुर्गही योग
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रविवार, 14 जनवरी को सूर्य जैसे ही मकर राशि में प्रवेश करेगा, मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। वर्ष के मंत्री गुरू की राशि धनु में यह चतुर्गही योग बनाएगी। इसमें बुध, शुक्र और शनि भी शामिल हो जाएंगे। रविवार को दोपहर 1.45 बजे सूर्य भी धनु राशि से मकर में चला जाएगा। ज्योतिषियों की मानें तो 14 जनवरी को मकर संक्रांति होने के कारण सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि प्रदोष व्रत भी रहेगा। मकर संक्रांति पर शहर में जगह-जगह उडऩे वाली रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान सतरंगी दिखाई देगा। इस पर बार पतंग अधिक उडऩे की इसलिए भी संभावना है कि छुट्टी के दिन यह पवित्र त्योहार आया है। इसका पुण्यकाल अगले दिन 15 जनवरी को दोपहर 12.08 मिनट तक रहेगा। इसी कारण अधिकांश लोग सोमवार को ही स्नान, दान आदि के साथ पर्व मनाएंगे। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और देव दर्शन के अलावा व दान करना शुभ फलदायी माना गया है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर ही हर वर्ष यह पर्व मनाया जाता है।

दोपहर 2.21 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग गुरु होगा, जो अगले दिन दोपहर इसी समय खत्म होगा। मंगल के तुला राशि में रहने से परिजात योग रहेगा, जो अत्यंत शुभ होता है। विदित रहे, पिछले साल संक्रांति चांडाल प्रवृत्ति (क्रूर लोगों) के लिए शुभ बनकर आई थी। संक्रांति पर सूर्य को अघ्र्य देना, घी, गुड़, तिल से अग्नि, खिचड़ी का दान, गौग्रास व व दान करने का विशेष महत्व रहता है।

वैवाहिक मुहूर्त भी होंगे शुरू

मकर संक्रांति के बाद अगले सप्ताह मल मास समाप्त हो जाएगा। इसके पश्चात वैवाहिक मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष केवल 41 दिन ही शादियों के लिए शुभ माने गए हैं। अगले सप्ताह से लगनसरा का सीजन देखते हुए व्यापारिक क्षेत्रों में भी ग्राहकी जोर पकड़ सकती है। उधर मकर संक्रांति कुछ राशियों के लिए अशुभ मानी गई है। इस राशि के जातकों को दान-पुण्य करना विशेष फलदायी होगा।

स्नान करना रोग मुक्तकारण होगा

इस दिन पीले व धारण कर महिष (भैंसे) पर सवार होकर आएगी। 8 घंटे स्नान पुण्यकाल मुहूर्त रहेगा। इस मुहूर्त में स्नान करने से जातक रोगमुक्त हो जाएगा। यह संक्रांति साधु संतों व राजनीतिज्ञों के लिए शुभ नहीं है। जबकि लेखक, समाजसेवियों, अभिकर्ताओं, कला संस्कृति से जुड़े लोगों एवं विद्यार्थियों के लिए शुभकारक है। संक्रांति के स्वरुप अनुसार उसके शुभ और अशुभ होने का फल निकाला जाता है।

Updated : 13 Jan 2018 12:00 AM GMT
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