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पांच सदस्यीय संविधान बेंच बताएगा दिल्ली का सुपर बॉस कौन

पांच सदस्यीय संविधान बेंच बताएगा दिल्ली का सुपर बॉस कौन
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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने अधिकारों के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय संविधान बेंच जल्द गठित करने की मांग करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसे ही वो कावेरी जल बंटवारे के मामले की सुनवाई पूरी कर लेगा वो इस मामले पर सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान बेंच गठित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट पिछले 11 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संविधान बेंच गठित करने पर सहमत हो गया था। अरविंद केजरीवाल सरकार ने पिछले 23 फरवरी को संविधान बेंच गठित करने की मांग करने वाली याचिका दायर की थी। इस मामले को दिल्ली सरकार की ओर से वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मेंशन किया था। उन्होंने कोर्ट से कहा कि मामले को पांच जजों की संविधान बेंच के समक्ष भेजा गया है और कोर्ट ने मामले को भेजने से पहले कहा था कि यह एक जरुरी मामला है।

सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान बेंच को पहले ही रेफर कर चुकी है। जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि मामले में कानून और संविधान का महत्वपूर्ण प्रश्न शामिल है| इसलिए इस पर संविधान बेंच को विचार करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस बात की अनुमति दी थी कि वो इसे चीफ जस्टिस के यहां जल्द सुनवाई के लिए मेंशन कर सकते हैं क्योंकि विवाद की वजह से दिल्ली में प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कोर्ट ने संविधान बेंच के लिए कानूनी सवाल भी तय नहीं किया और कहा कि संविधान बेंच इस पर नए सिरे से विचार करे।

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली के उप-राज्यपाल ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इसे संविधान बेंच को रेफर कर दिया था

Updated : 5 Sep 2017 12:00 AM GMT
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