पटरी टूटी देख चाबीमैन ने लाल झंडी दिखाकर रोकी समता एक्सप्रेस

कोटरा में टूटी ट्रेन की पटरी, आनन-फानन में रूकवाई गई ट्रेन
पलटने से बची समता एक्सप्रेस, हो सकता था बड़ा हादसा
ग्वालियर,न.सं. रविवार की सुबह कोटरा स्टेशन कीमैन की सतर्कता से बड़ा हादसा होते- होते बच गया। झांसी से ग्वालियर आ रही रेलवे लाइन की पटरी कोटरा स्टेशन के पास अचानक टूट गई। पटरी के दो टुकड़े हो गए। गनीमत रही कि ट्रैक पर गश्त कर रहे कीमैन ने इस टूटी पटरी को देख लिया और इस ट्रैक पर कोटरा स्टेशन की ओर बढ़ रही ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर खुद रोक लिया। इस तरह कीमैन की सजगता से एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना होने से बच गई, लेकिन अचानक पटरी के टूटने की इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि झांसी-दिल्ली रेलमार्ग में भी रेलवे की पटरी कमजोर हो चली है। यह घटना सुबह करीब 11.30 बजे की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह समता एक्सप्रेस झांसी से ग्वालियर के लिए 15 मिनट की देरी से रवाना हुई। ट्रेनें जैसे ही सोनागिर से आगे गुजरी तभी कोटरा स्टेशन पर गश्त कर रहे कीमैन उमराव मीना ने खम्बा नम्बर 1173/10-12 के पास पटरी टूटी हुई देखी, जिस पर सबसे पहले श्री मीना ने झांसी से आ रही समता एक्सप्रेस को रोकने के लिए अपने हाथों में लाल झंडी लेकर ट्रैक खड़े हो गए। जिसके चलते समय रहते ट्रेन निर्धारित दूरी पर ही रूक गई। इस घटना के बाद कीमैन ने तुंरत आनन फानन में इस मामले की जानकारी कोटरा स्टेशन मास्टर व जूनियर इंजीनियर को दी।
सूचना मिलते ही तकनीकी विभाग व स्टेशन मास्टर मौके पर पहुंचे व टूटी हुई पटरी को दुरूस्त करने का कार्य शुरू किया गया। इस घटना के चलते झांसी से आने वाली ट्रेनों को बीच के स्टेशनों पर ही रोकना पड़ा। वहीं स्टेशन मास्टर ने समता एक्सप्रेस को लूप लाइन से पास किया।
इनका कहना है
जूनियर इंजीनियर ने जहां पर पटरी टूटी हुई थी वहां पर जाकर निरीक्षण कर पटरी को दुरूस्त कराकर लाइन को ट्रेन संचालन के लिए फिट किया । वेल्ड फेलियर के कारणों की जांच कराई जा रही है।
मनोज कुमार सिंह
जनसंपर्क अधिकारी
झांसी मंडल
ब्रेक लगने से कमजोर हो जाती है पटरी
रेलवे के तकनीकी विभाग के सूत्रों के मुताबिक आउटर एरिया पर पटरी बेहद कमजोर हो चुकी हैं, और इसका एक मुख्य कारण यह है कि जब चालक सिग्नल को देखकर ब्रेक लगाता है तो ट्रेन के पहियों ओर पटरी के बीच जबरदस्त घर्षण होता है। अचानक ब्रेक लगने से पहिये और पटरी के बीच इस समय होने वाले घर्षण से पटरी को काफी दबाव झेलना पड़ता है और यही कारण है कि आउटर एरिया पर पटरी कमजोर पड़ जाती है।