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याचिका पांच दिन पहले खारिज, अधिकारी अनभिज्ञ

याचिका पांच दिन पहले खारिज, अधिकारी अनभिज्ञ
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-सोम पर मेहरबान आबकारी विभाग

ग्वालियर।
इंदौर में हुए 41 करोड़ 89 लाख के आबकारी घोटाले में अन्य आरोपी ठेकेदारों से वसूली के लिए जहां तेजी से कार्रवाई शुरू हो गई है। वहीं सरकार के सौ करोड़ रुपये पहले से दबाकर बैठी सोम डिस्टलरीज के संचालकों से 1 करोड़ 90 लाख की वसूली में भी विभाग टालमटोली करने में जुटा है। खास बात यह है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उप पुलिस महानिरीक्षक द्वारा गठित एसआईटी भी अन्य ठेकेदारों के ठिकानों पर तो दबिश दे रही है, लेकिन सोम के संचालकों पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं दिखा पा रही है।

उल्लेखनीय है कि इंदौर में शराब ठेकेदारों द्वारा सरकारी गोदाम से माल उठाने के लिए संलग्न किए गए बैंक चालानों में गड़बड़ी कर सरकारी खजाने को करीब 42 लाख रुपये की चपत लगा दी है। हाल ही में उजागर हुए इस घोटाले में आरोपी वर्तमान ठेकेदारों से तो 23 करोड़ की वसूली भी हो चुकी है। लेकिन सोम डिस्टलरीज के संचालकों से करीब 1 करोड़ 89 लाख रुपये सहित पुराने ठेकेदारों से कुल करीब 18 लाख की वसूली अभी शेष है। इस वसूली के लिए आबकारी विभाग पुराने ठेकेदारों के ठिए तलाशने में जुटी है। जिन ज्ञात ठेकेदारों की संपत्तियों की वसूली से राशि वसूली की जानी है। उनकी संपत्तियों की सूची सहित प्रकरण स्थानीय प्रशासन के पास भेजे जा चुके हैं। वहीं विभाग से वसूली और कार्रवाई के संबंध में नोटिस जारी होते ही न्यायालय की शरण पहुंचे सोम डिस्टलरीज के संचालकों की याचिका खारिज होने के चार दिन बाद भी अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ हैं। न ही पुलिस की एसआईटी आरोपियों की गिरफ्तारी का मन बना पा रही है और न ही आबकारी विभाग सोम से राशि वसूलने की कार्रवाई को आगे बढ़ा रहा है। खास बात यह है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के शराब ठेकेदारों से पूरी वसूली हो जाने के बावजूद पुलिस एवं विभागीय कार्रवाई में ढिलाई नहीं बरती जा रही है। जबकि सोम डिस्टलरीज के संचालकों द्वारा न्यायालय के आदेश पर लगाई गई बैंक गारंटी से भी राशि वसूली के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
सोम की संपत्तियों का अधिग्रहण क्यों नहीं?

उद्योग विभाग के लगभग 100 करोड़ हजम कर बैठी भोपाल की सोम डिस्टलरीज के संचालकों से इस राशि की वसूली के लिए कम्पनी कोर्ट से लेकर उच्च न्यायालय तक के आदेश हो चुके हैं। उच्चतम न्यायालय ने करीब छह माह पूर्व सोम डिस्टलरीज के संचालकों की याचिका खारिज कर नियुक्त आॅफिस लिक्वेडेटर को आदेश दिया था कि वह सोम की संपत्तियों और दस्तावेजों को अधिपत्य में लेकर नियत समयावधि में राशि की वसूली कराएं। अन्यथा सोम की संपत्तियों को राजसात कर इसकी नीलामी कर शासकीय राशि को वसूले। लेकिन इस मामले में न तो उद्योग विभाग ही रुचि ले रहा है न ही आॅफिस लिक्वेडेटर द्वारा कार्रवाई की जा रही है। जबकि सोम डिस्टलरीज के संचालक सरकार को ठेंगा दिखाकर धड़ल्ले से शराब कारोबार कर रहे हैं।

इनका कहना है

‘आबकारी में चालान घोटाले के आरोपियों पर कार्रवाई निरंतर जारी है। सोम डिस्टलरीज के संचालकों की न्यायालय के आदेश पर बैंक गारंटी जमा है। ऐसा पता चला है कि कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। इसे दिखवाकर शीघ्र कार्रवाई कराएंगे।

अरुण कोचर, आबकारी आयुक्त म.प्र. शासन

‘आबकारी घोटाले में शेष राशि की वसूली के लिए चिन्हित ठेकेदारों के नाम अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय में भेजे हैं। वहां से नीलामी के आॅर्डर मिलते ही इनकी संपत्तियों की कुर्की कराई जाएगी। सोम डिस्टलरीज की याचिका के खारिज होने की जानकारी मेरे पास नहीं है। अगर ऐसा है तो कल ही न्यायालय से कॉपी मंगाकर कार्रवाई शुरू कराएंगे।’

नरेश कुमार चौबे, सहायक आबकारी आयुक्त इंदौर

‘आबकारी विभाग की ओर से पुलिस को 14 आरोपियों के नाम मिले हैं। सोम डिस्टलरीज के संचालकों के नाम इसमें शामिल हैं अथवा नहीं यह मुझे पता नहीं। लेकिन जो भी आरोपी हैं एक-दो दिन में गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। ’

हरिनारायण चारी मिश्रा, उप पुलिस महानिरीक्षक इंदौर रेंज

Updated : 26 Sep 2017 12:00 AM GMT
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