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रामा एनक्लेव बनाने में बिल्डर ने बरती गंभीर अनियमितताएं

रामा एनक्लेव बनाने में बिल्डर ने बरती गंभीर अनियमितताएं
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-एमओएस की जगह नहीं छोड़ी, छज्जे भी बाहर निकाले
ग्वालियर। रामा बिल्डर्स द्वारा पाटनकर के बाड़े में बनाई गई रामा एनक्लेव नामक बहुमंजिला इमारत के निर्माण में गंभीर अनियमितताएं बरती गई हैं, जिसके चलते उक्त इमारत में एमओएस की जगह नहीं छोड़ी गई है, साथ ही फ्लैट के छज्जे (बालकनी) भी बाहर की तरफ अर्थात् शासकीय जमीन के ऊपर निकाले गए हैं, जो सरासर बिल्डिंग नियमों की अवहेलना है।

गौरतलब है कि रामा बिल्डर्स द्वारा दक्षिण विधानसभा के क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक-17 के तहत् पाटनकर के बाड़े में बनाई गई रामा एनक्लेव नामक बहुमंजिला इमारत में छत के ऊपर अवैध रूप से चार फ्लैटों का निर्माण कर उनका विक्रय किया जा रहा है। इसके अलावा भी उक्त इमारत के निर्माण में बड़े स्तर पर नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसी कड़ी में इसमें एमओएस (भवन के इर्द-गिर्द छूटा खुला भाग) की जगह भी नहीं छोड़ी गई है, जिससे कभी भी कोई गंभीर हादसा यहां घटित हो सकता है। वहीं इस इमारत में ऊपरी मंजिलों पर बने प्रत्येक फ्लैट में जो छज्जे बनाए गए हैं, वह बिल्डर ने अपनी जगह में न निकालते हुए शासकीय भूमि के ऊपर निकाले गए हैं।

शासकीय जगह के भी पैसे वसूले

रामा एनक्लेव के निर्माणकर्ताओं द्वारा इमारत में फ्लैट लेने वाले खरीदारों से फ्लैट के साथ ही इसके बाहर निकाले गए छज्जों का पैसा भी वसूला गया है, जबकि यह छज्जे शासकीय जमीन के ऊपर निकाले गए हैं। बिल्डर द्वारा खरीदारों को फ्लैट बिक्री के दौरान यह तक बताया गया है कि इन छज्जों से सीधे सड़क को निहारा जा सकता है, और इन छज्जों की जमीन को भी बिल्डर ने बिक्री किए गए फ्लैट की कुल भूमि में जोड़ा है। जबकि नियमानुसार बिल्डर को अपनी ही जमीन पर छज्जे बनाने का अधिकार है, इस लिहाज से इन फ्लैटों के बाहर निकले छज्जे पूर्णत: अतिक्रमण है।

एक-दूसरे पर टालने में लगे निगम अधिकारी

रामा एनक्लेव के निर्माण में बरती गर्इं अनियमितताओं को लेकर जब नगर निगम के ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के भवन अधिकारी सुरेश अहिरवार से चर्चा की गई, तो उनका कहना था कि मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है, क्षेत्रीय अधिकारी राजू गोयल ही जानकारी दे पाएंगे, वहीं जब क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक-17 के अधिकारी राजू गोयल से उक्त मामले में जानकारी मांगी गई, तो पहले तो उनका कहना था कि मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है, वहीं कुछ देर बाद कहने लगे कि रामा एनक्लेव की फाइल तो भवन अनुज्ञा नोडल अधिकारी प्रदीप वर्मा के पास जांच के लिए गई है, जबकि प्रदीप वर्मा से बात करने पर उनका कहना है कि रामा एनक्लेव नामक इमारत की कोई फाइल मेरे पास जांच के लिए आई ही नहीं है, तो फिर मैं जानकारी कैसे दूं। बहरहाल अधिकारियों का उक्त रवैया स्वत: ही उनकी बिल्डर के साथ साठगांठ की कहानी बयां करता है, हालांकि सभी अधिकारी इसमें अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई करने की बात अवश्य कह रहे हैं।

निचले अमले ने बंदरबांट कर चुप्पी साधी

रामा एनक्लेव के निर्माण में नियमों के साथ हुई छेड़छाड़ एवं बड़े पैमाने पर की गई धांधली साफ नजर आ रही है, लेकिन नगर निगम का निचला अमला आपसी मिली भगत व पैसों की बंदरबांट कर इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रामा बिल्डर्स के कर्ता-धर्ताओं द्वारा अपने गोरखधंधे को अंजाम देने के लिए निगम के जिम्मेदार पदों पर बैठे कुछ तत्कालीन अधिकारियों से साठगांठ करके निचले अमले की जेबें गर्म करने का काम किया है, जिसके चलते किसी ने भी बिल्डर द्वारा रामा एनक्लेव के निर्माण में बरती गई अनियमितताओं की ओर से आंखें मूंदे रखीं, यही कारण है कि बिना किसी रोक-टोक व दखलंदाजी के सहजता से उक्त इमारत न सिर्फ बनकर तैयार हो गई, बल्कि इसके निर्माणकर्ताओं ने इसमें निर्मित कुछ फ्लैटों को बिक्री भी कर दिया।

इनका कहना है

‘‘रामा एनक्लेव के निर्माण में यदि अनियमितता बरती गई है, तो इसकी जांच करवाएंगे। अवैध पाए जाने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।’’

विनोद शर्मा
आयुक्त नगर निगम, ग्वालियर

Updated : 19 Sep 2017 12:00 AM GMT
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