आरबीआई ने बंद हुए 500 और 1000 के नोटों की गिनती की के लिए अपनाये उन्नत तरीके

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि उसके किसी भी कार्यालय में 500 और 1000 रुपए के अप्रचलित नोटों की गिनती के लिए गिनती मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने नोटों की गिनती के लिए तैनात कर्मियों की संख्या बताने से इनकार कर दिया है। सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगे गए जवाब से इस बात की जानकारी हुई। हालांकि देर शाम जारी एक स्पष्टीकरण में केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह मुद्रा नोटों की असलियत व संख्यात्मक सटीकता की जांच के लिए मुद्रा सत्यापन व प्रसंस्करण (सीवीपीएस) मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है।
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा है, ये मशीनें नोट गिनने वाली मशीनों से कहीं बेहतर हैं। प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत बनाने के लिए आरबीआई उपलब्ध मशीनों का इस्तेमाल दो पारियों में कर रहा है। इसके साथ ही वह कुछ वाणिज्यिक बैंकों से अस्थाई तौर पर ली गई मशीनों का उपयोग भी कर रहा है।
बैंक अपनी प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। इससे पहले आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में कहा , 500 और 1000 रपये के नोटों की गिनती के लिए बैंक के किसी भी कार्यालय में मशीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बैंक ने बताया कि इस काम के लिए पट्टे पर भी कोई मशीन नहीं ली गयी थी। 10 अगस्त को दायर आरटीआई में नोटों की गिनने के लिए कितनी मशीनों का इस्तेमाल किया गया था, इस बात की जानकारी मांगी गयी थी।
वहीं, आरबीआई ने इस बात की जानकारी देने से इनकार कर दिया कि नोटों को गिनने के लिए कितनी कर्मचारियों को लगाया गया था। संवाददाता द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में बैंक ने कहा कि आरटीआई अधिनियम, 2005 की धारा 7 (9) के अनुसार यह जानकारी नहीं दी जा सकती है।
गौरतलब है नोट गिनने की शुरआत किस तिथि से की गई थी, इस प्रश्न के जवाब में बैंक ने कहा कि नोटों की गिनती सतत रूप से जारी रही। बता दें कि 30 अगस्त को जारी सालाना रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा था कि 15.28 लाख करोड़ या 99 प्रतिशत 500 और 1000 रुपए के नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आये थे। वहीं, कुल 15.44 लाख करोड़ रुपए के नोटों में से 16,050 करोड़ रुपए के नोट वापस नहीं आए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी, उस समय 500 रुपए के 1,716.5 करोड़ नोट और 1000 के 685.8 करोड़ नोट चलन में थे। जिनकी कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपए थी।