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भंसाली बंधुओं के क्रेशरों पर लाखों का विद्युत शुल्क चोरी

भंसाली बंधुओं के क्रेशरों पर लाखों का विद्युत शुल्क चोरी
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सुमेरपाड़ा में जनरेटर से संचालित होता भंसाली बंधुओं का क्रेशर, दूसरे चित्र में भंसाली बंधुओं का चलित क्रेशर।

ग्वालियर। बिलौआ एवं बेरजा (सुमेरपाड़ा) में खदानें संचालित करने वाले भंसाली बंधुओं द्वारा स्वीकृति से कई गुना अधिक खनिज निकालकर प्रतिमाह करोड़ों रुपये राजस्व तो चुराया ही जा रहा है। बेरजा में तीन क्रेशरों के संचालन की अनुमति लेकर सात क्रेशर संचालित किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि अवैध क्रेशरों के लिए विद्युत कनेक्शन नहीं लेकर इन्हें जनरेटर से चलाया जा रहा है। जिससे खनिज के साथ-साथ हर महीने लाखों रुपये विद्युत शुल्क भी चुराया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि बेरजा (सुमेरपाड़ा) में भंसाली बंधुओं द्वारा 250-350 टीपीएच (टन प्रति घंटा) की मशीनें संचालित की जा रही हैं। अर्थात एक घंटे में 250 से 350 टन तक खनिज पीसा जा रहा है। जिन क्रेशरों को विद्युत कनेक्शन लेकर संचालित किया जा रहा है। उनके विद्युत बिल में तो ऊर्जा शुल्क शामिल होकर आता है। लेकिन जिन क्रेशरों को विधिवत जनरेटर से विधिवत रूप से संचालित किया जाता है। उसके लिए विद्युत विभाग से जनरेटर संचालन की अनुमति लेनी होती है। जनरेटर स्थापित किए जाने से पूर्व विद्युत सुरक्षा निरीक्षक द्वारा स्थल निरीक्षण किया जाता है तथा मीटर में जनरेटर द्वारा उपयोग की जाने वाली ऊर्जा की कुल कीमत की 15 प्रतिशत राशि ऊर्जा शुल्क के रूप में जमा करानी होती है। सूत्र बताते हैं कि बेरजा (सुमेरपाड़ा) में पीताम्बरा ग्रेनाइट और एमरॉल्ड के नाम से दो विद्युत कनेक्शन हैं। जबकि प्रत्येक क्रेशर संचालन के लिए प्रथक विद्युत कनेक्शन लेना होता है। भंसाली बंधुओं के संचालित सात क्रेशरों में एक ‘चलित क्रेशर’ भी शामिल है जो पूरी तरह जनरेटर से संचालित होता है। सूत्र बताते हैं कि बेरजा में भंसाली बंधुओं द्वारा 500, 700 और एक हजार किलोवाट के जनरेटरों से क्रेशर संचालित किए जा रहे हैं। जानकार बताते हैं कि एक घंटे में 350 टन पत्थर पीसने वाला जनरेटर दिन भर में 50-60 हजार रुपये से अधिक की विद्युत शुल्क की चोरी करता है।

पनिहार में भी जनरेटरों का सहारा

पनिहार में ठेके पर लौह अयस्क निकालकर बेच रहे भंसाली बंधुओं के क्रेशरों पर भी बड़े-बड़े जनरेटर लगे हैं। इन जनरेटरों से मशीनें चलाई जाती हैं। लेकिन न तो विद्युत विभाग से इन क्रेशरों की अनुमति ली गई है और न ही इनका विद्युत शुल्क जमा किया जाता है। खास बात यह है कि पनिहार में लौह अयस्क सिर्फ मशीनों के सहारे निकालने की अनुमति है तथा यहां धमाके नहीं किए जा सकते। लेकिन पर्दे के पीछे बैठे भंसाली बंधु यहां खुलेआम धमाके कर लौह अयस्क के पहाड़ों को धराशायी करते रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने पर पुलिस, प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अथवा खनिज विभाग के रिश्वतखोर अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

सुविधा के लिए स्थापित किया डीजल पंप

जानकार बताते हैं कि पेट्रोल-डीजल पंपों से सिर्फ वाहनों में ईंधन रूप में डीजल एवं पेट्रोल दिया जाता है। वाहन के अलावा सिर्फ किसान के उपयोग के लिए डीजल दिया जा सकता है। लेकिन सुमेरपाड़ा में भंसाली बंधुओं के क्रेशरों को जनरेटर से चलाने एवं इस खनन क्षेत्र से खनिज लेकर जा रहे वाहनों को ईंधन की परेशानी नहीं हो। इसलिए भंसाली बंधुओं ने खनिज क्षेत्र से सटाकर एक डीजल-पेट्रोल पंप स्थापित कर लिया है। इस डीजल पंप पर नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम डीजल ड्रमों और केनों में भरकर खनन क्षेत्र में पहुंचाया जा रहा है।

इनका कहना है

‘खनन क्षेत्र में क्रेशर संचालन की सूचना अथवा शिकायत मेरे पास नहीं आई है। आपके माध्यम से अगर किसी खनन क्षेत्र में अवैध जनरेटरों से क्रेशर संचालन की सूचना मिलती है तथा इनके द्वारा ऊर्जा शुल्क जमा नहीं किया जा रहा है तो कार्रवाई कराई जाएगी।’

एस.एस.मुजाल्दा, मुख्य विद्युत निरीक्षक भोपाल

Updated : 11 Sep 2017 12:00 AM GMT
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