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भारत में बढी सोने की मांग

भारत में बढी सोने की मांग
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नई दिल्ली। वर्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल की दूसरी तिमाही अप्रैल से जून के बीच भारत में सोने की मांग 167.4 टन रही जो पिछले साल इसी दौरान के आंकड़ों से 37 प्रतिशत अधिक है।

काउंसिल में भारत के प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम (पीआर) के अनुसार 2017 की दूसरी तिमाही एक मजबूत तिमाही रही जिस दौरान भारत की सोने की मांग 167.4 टन थी। मौसमी मांग और बेहतर ग्रामीण भावना में सुधार ने वर्ष-दर-वर्ष बढ़ोतरी में 37 फीसदी योगदान दिया। दोनों आभूषण और निवेश के लिए सोने की मांग में क्रमशः 41 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

वहीं सोने की मांग को मुद्रा के तौर पर देखा जाए तो पिछले साल इसी तिमाही में मांग की कीमत 33,090 करोड़ थी जो इस साल 32 प्रतिशत बढ़कर 43,600 करोड़ हो गई।

इस साल आभूषण संबंधित मांग 126.7 टन रही जो पिछले साल 82.8 टन थी। इसमें मात्रा के आधार पर देखा जाए तो 41 प्रतिशत इजाफा हुआ है और मुद्रा के हिसाब से देखा जाए तो 36 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

डब्ल्यूजीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2017 की पहली छमाही यानि जनवरी से जून के दौरान भारत में सोने की मांग में हुई बढ़ोतरी की वजह जीएसटी रही है। जुलाई से सोने पर 3 फीसदी जीएसटी लागू किया गया है, जिसकी घोषणा जून में ही हो गई थी। ऐसे में ज्वैलर्स ने 3-4 डॉलर प्रति औंस का प्रीमियम देखते हुए ज्यादा सोने की खरीद कर ली। ज्वैलर्स क्योंकि पहले ही जरूरत से ज्यादा सोना खरीद चुके हैं| ऐसे में 2017 की दूसरी छमाही (जुलाई से दिसंबर) की शुरुआत के हफ्तों में ज्यादा खरीद होने की संभावना नहीं है जिससे मांग कम रहेगी।

सोमासुंदरम ने कहा, ‘‘जीएसटी और दूसरे कदमों के बारे में बढ़ती चिंता के बीच अच्छे मानसून की संभावना के कारण सकारात्मक धारणा लौटी है। ये अक्षय तृतीया के दौरान बिक्री में भी दिखा और इसे इस साल शादी के मुहूर्तों की संख्या अधिक होने से भी समर्थन मिला।’’

डब्ल्यूजीसी ने इस रिपोर्ट में बताया कि ग्लोबल लेवल पर सोने की मांग इस साल की दूसरी तिमाही के दौरान 10 फीसदी गिरकर 953 टन पर आ गई है। पिछले साल इसी समय में ये मांग 1055.6 टन थी।

Updated : 3 Aug 2017 12:00 AM GMT
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