राजकमल टॉवर सहित तीन मैरिज गार्डन सील
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-मुख्य सचिव के आदेश पर राजस्व वसूलने सख्त हुआ प्रशासन
ग्वालियर। म.प्र. शासन के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह के निर्देशों का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने बिना डायवर्सन और अनुमति के बने भवनों और मैरिज गार्डनों पर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में रविवार को प्रशासन ने ओहदपुर गांव में स्थित व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स राजकमल टॉवर सहित मेहरा गांव के एक एवं दो थाटीपुर क्षेत्र के मैरिज गार्डनों को सील करने की कार्रवाई की।
उल्लेखनीय है कि भूमि का डायवर्सन शुल्क जमा कराए बिना शहर में अवैध रूप से संचालित मैरिज गार्डनों और अवैध भवनों पर सख्ती से कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के निर्देश मुख्य सचिव ने दो दिन पूर्व राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिए थे। मुख्य सचिव के आदेश पर पहली कार्रवाई रविवार को ओहदपुर गांव में स्थित राजकमल टॉवर पर की। भूमि का डायवर्सन कराए बिना अवैध रूप से बनाए गए इस व्यवसायिक टॉवर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महीप तेजस्वी ने 16 लाख रुपये का अर्थदण्ड किया था। अनुविभागीय अधिकारी के इस आदेश के विरुद्ध बिल्डर ने उच्च न्यायालय में अपील की थी, लेकिन न्यायालय से उसे राहत नहीं मिली। इसके बाद जिलाधीश राहुल जैन के आदेश पर तहसीलदार भूपेन्द्र सिंह कुशवाह ने रविवार को इस व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स पर ताला लगा दिया। इसी प्रकार मेहरा गांव और थाटीपुर क्षेत्र में बिना डायवर्सन के अवैध रूप से संचालित तीन मैरिज गार्डनों को भी तहसीलदार श्री कुशवाह ने सील्ड कर दिया। जिन मैरिज गार्डनों पर ताला लगाया गया है, उनमें मेहरा गांव में स्थित हरदौल मैरिज गार्डन, थाटीपुर स्थित मोहन वाटिका और जनक वाटिका शामिल हैं। अवैध रूप से संचालित इन चारों ही संस्थाओं पर लगभग चार करोड़ रुपये से अधिक अर्थदंड की राशि शेष है। तहसीलदार श्री कुशवाह ने बताया कि जिलाधीश के आदेश पर अभी अवैध संपत्तियों को सील्ड किया गया है। राशि जमा नहीं कराए जाने पर संपत्तियों की नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
मैरिज गार्डनों पर जारी रहेगी कार्रवाई
मुख्य सचिव के आदेश के बाद शहर में अवैध रूप से संचालित मैरिज गार्डनों पर तालाबंदी की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। मुख्य सचिव के आदेश पर प्रशासन को अधिक से अधिक राजस्व एवं अर्थदण्ड की वसूली करना है। इसी क्रम में मैरिज गार्डनों को लक्षित कर प्रशासन राशि वसूली की कार्रवाई करेगा।