परेशान छात्र ने मांगी इच्छा मृत्यु

परेशान छात्र ने  मांगी इच्छा मृत्यु
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एक वर्ष से जीवाजी विवि के काट रहा है चक्कर


ग्वालियर। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले जीवाजी विश्वविद्यालय से परेशान होकर इन दिनों छात्र आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। इसके बाद भी विवि के अधिकारी छात्रों की परेशानी दूर करने की जगह अपने कक्षों में आराम फरमा रहे हैं। इसी के चलते इस बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक छात्र ने विवि से परेशान होकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। छात्र ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करते हुए कहा है कि जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा उसे प्रताड़ित किया जा रहा है, इसलिए मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए।

रोम महाविद्यालय के बी-कॉम पाठयक्रम में अध्ययनरत छात्र चन्द्रशेखर गौतम ने बताया कि उसने वर्ष 2013 में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा दी थी, जिसमें उसे एक विषय में अनुपस्थित दर्शा दिया गया, जिसके चलते उसने दोबारा परीक्षा दी। इसके बाद छात्र ने वर्ष 2014 में द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा दी, जिसमें उसे सभी विषयों में अनुपस्थित दर्शा दिया गया। इसको लेकर उसने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करते हुए अपनी अंकसूची में संशोधन कराने के लिए विवि के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के हाथ-पैर जोड़े और महाविद्यालय से अपना उपस्थिति पत्रक विश्वविद्यालय में जमा कराया। इसके बाद उसका परीक्षा परिणमा घोषित हो सका।

इसके बाद छात्र ने तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की भी परीक्षा दी, जिसमें भी विवि द्वारा गड़बड़ी कर दी गई। इतना ही नहीं छात्र ने जब वर्ष 2016 में छटवे सेमेस्टर की परीक्षा दी तो उसकी एटीकेटी आ गई। इस पर उसने रिओपनिंग का फार्म भरकर अपनी कॉपी देखी तो उसमें उसके अंक ज्यादा थे, जिसमें आज तक संशोधन नहीं किया गया, जिसको लेकर छात्र ने कई बार सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई तो हर बार उसे विवि के कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि वह परीक्षा में अनुपस्थित था, जबकि छात्र अपना उपस्थिति पत्रक जीवाजी विवि में जमा करा चुका है। छात्र करीब एक वर्ष से अपना परीक्षा परिणाम घोषित कराने के लिए विवि के चक्कर काट रहा है और जब उसकी परेशानी हल नहीं हुई तो उसने दोबारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत क्रमांक 4447091 दर्ज कराते कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा उसे लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे वह तंग हो चुका है, इसलिए मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान की जाए, जिससे विश्वविद्यालय की भी परेशानी कम हो जाएगी और मुझे भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। छात्र ने यह भी कहा है कि वह अपनी समस्या लेकर कई बार सीएम हेल्पलाइन प्रभारी प्रदीप शर्मा के पास भी पहुंचा, लेकिन उन्होंने भी उसकी कोई मदद नहीं की।

प्रवेश से रह गया वंचित:- जीवाजी विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण छात्र परेशान तो हो ही रहा है, साथ ही वह प्रवेश लेने से भी वंचित रह गया है। छात्र का कहना है कि उसे एलएलबी में प्रवेश लेना था, लेकिन उसका परीक्षा परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया, जिस कारण वह बहुत ही तनाव में है।

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