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जनता दल यू दो फाड़ होने के कगार पर, नीतीश गुट राजग में शामिल होगा

जनता दल यू दो फाड़ होने के कगार पर, नीतीश गुट राजग में शामिल होगा
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नई दिल्ली। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव को पार्टी से निकालने, राज्यसभा सदस्य अली अनवर को निलंबित किए जाने तथा राज्यसभा में शरद यादव को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा देने से जदयू दो फाड़ होने के कगार पर पहुंच गई हैं। जदयू की 19 अगस्त को पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सभी बागियों को निकालने और नीतीश गुट के राजग में शामिल होने के महत्वपूर्ण फैसले लिए जाना भी तय माना जा रहा है।

बिहार में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन की सरकार टूटने से दुखी शरद यादव, अली अनवर ने बगावती तेवर अपना रखे हैंं। शरद यादव बिहार में रैलियां कर नीतीश को खरी-खोटी सुना रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा शुक्रवार को बुलाई विपक्षी दलों की बैठक में जाकर अली अनवर ने पार्टी निर्देशों का खुला उल्लंघन कर नीतीश को चुनौती दी है। उनके इस कृत्य पर उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। शरद यादव का साथ देने वाले रमई राम और अरुण राय को भी पार्टी से निकाला जा सकता है।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, गुजरात के प्रभारी अरुण श्रीवास्तव ने हाल में राज्य में हुए राज्यसभा चुनाव मैं एक मात्र पार्टी विधायक को गुमराह कर उससे कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट दिलवाया| उन पर लगे आरोपों के मद्देनजर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है। दूसरी ओर नीतीश कुमार ने खुलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार भी बनाई है। अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी उन्हें राजग में शामिल होने का न्यौता दिया है जिस पर पटना में जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया जाएगा। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव को भी नीतीश के भाजपा का दामन थाम लेने से गहरा धक्का लगा है। अपने परिवार जन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के हमलों से परेशान लालू जदयू के बागियों का समर्थन कर उन्हें अपने पाले में लाने के प्रयास में जुटे हैं। विपक्षी एकता के लिए भी पटना में वह 27 अगस्त को महारैली का भी आयोजन कर रहे हैं उनका कहना है कि उन्होंने गठबंधन शरद यादव के साथ किया था।

शरद यादव की कभी आंख का तारा रहे पार्टी महासचिव प्रवक्ता के सी त्यागी शरद यादव के बगावती तेवर से दुखी हैं। उनका कहना है कि शरद यादव पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में अपने विचार रख सकते हैं पर उन्हें अपने पद की गरिमा और पार्टी विरोधी बयान सार्वजनिक तौर पर नहीं देना चाहिए। शरद यादव, अरुण श्रीवास्तव ,अली अनवर का कहना है कि नीतीश धोखेबाज हैं| उन्होंने बिहार की 11 करोड़ जनता के साथ विश्वासघात किया है जिसने भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था। दूसरी ओर नीतीश ने कहा है कि शरद यादव अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं| उन्होंने भाजपा के साथ मिलने का फैसला पार्टी की सहमति के के बाद ही लिया है।

बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि पार्टी शरद यादव पर अभी कोई बड़ी कार्यवाही नहीं करेगी| उन्हें निलंबित भी नहीं किया जाएगा| उन्हें राज्यसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटाकर आरसीपी सिंह को नेता बनाया गया है। शरद यादव को इस प्रकार संकेत दिया गया है कि अब भी अगर वह नहीं माने तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जा सकती है।
जदयू पर वर्चस्व की लड़ाई चुनाव आयोग तक जाने के आसार बन गए हैं। शरद यादव का दावा है कि वह पार्टी के संस्थापकों में हैं और असली कार्यकर्ता उन्हीं के साथ हैं जबकि पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता नीतीश के साथ नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग के समक्ष यह लड़ाई आने पर निर्भर करेगा कि वह जदयू का चुनाव चिह्न तीर किसे दे या फिर उसे जप्त करे लेकिन जदयू के दो फाड़ होने की पृष्ठभूमि लगभग तैयार हो चुकी है।

Updated : 12 Aug 2017 12:00 AM GMT
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