जीते-जी समाज के लिए करते रहे काम देहावसान हुआ तो कर दिया देहदान, वरिष्ठ स्वयंसेवक राजाराम जी मोघे को अनेक लोगों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन

-वरिष्ठ स्वयंसेवक राजाराम जी मोघे को अनेक लोगों ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक, समाजसेवी, शिक्षाविद् और मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा ग्वालियर के वरिष्ठ सभासद राजाराम जी मोघे के निधन पर सोमवार को सुबह खासगी बाजार स्थित उनके निज निवास पर शहर के गणमान्यजनों ने पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस दौरान गणमान्यजनों ने राजाराम जी मोघे द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों को याद किया। उल्लेखनीय है कि राजाराम जी मोघे विगत रविवार शाम को करीब 5.15 बजे अंतिम सांस लेते हुए चिर निद्रा में लीन हो गए थे। वे 92 वर्ष के थे। राजाराम जी मोघे को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक त्रयंबक केलकर, विभाग सह संघचालक डॉ. राजेन्द्र बांदिल, क्षेत्र शारीरिक प्रमुख प्रवीण गुप्त, प्रांत सह कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर, महापौर विवेक शेजवलकर, स्वदेश समूह के अध्यक्ष बैजनाथ शर्मा, विभाग प्रचारक पंकज शर्मा, विभाग सह कार्यवाह रवि अग्रवाल, नवनीत शर्मा, स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे, किरण कल्याणकर, चन्द्रशेखर गुप्ते, डॉ. ईश्वरचन्द्र करकरे, अनिल तारे, स्वदेश के समूह प्रबंधक कल्याण सिंह कौरव, संजय जोशी, नरेन्द्र कुंटे, बसंत पुरोहित एवं विवेक जोशी आदि गणमान्यजन शामिल थे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक, समाज सेवी राजाराम जी मोघे जीवन भर समाज के लिए काम करते रहे। उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनके देहावसान के बाद उनकी पार्थिव देह चिकित्सा छात्रों के शोध के लिए काम आए। उनकी इसी इच्छा के अनुसार सोमवार को उनकी पार्थिव देह चिकित्सा छात्रों के शोध हेतु अंतिम यात्रा पर चली गई।
शिक्षक होकर जीते जी छात्रों को शिक्षा देने वाले स्व. श्री मोघे ने चिकित्सा छात्रों को शिक्षित करने के लिए अपनी देह भी दान कर दी। स्व. राजाराम जी मोघे 92 वर्ष के थे। उन्होंने विगत वर्ष 21 दिसम्बर को स्वेच्छा से देहदान की घोषणा की थी और 23 जुलाई को उनके देहावसान के बाद उनके नाती हिमांशु मोघे ने उनका वादा पूरा किया और भावी चिकित्सकों के अध्ययन के लिए सोमवार को सुबह लगभग 9.30 बजे गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचकर उनकी देह का दान कर दिया।
स्व. श्री मोघे के परिजनों ने बताया कि वह हमेशा यही कहते थे कि इंसान को जीवनकाल में पीड़ित मानवता की सेवा और मृत्यु के बाद देहदान कर समाज के काम आना चाहिए, इसलिए उन्होंने विगत वर्ष देहदान करने का निर्णय लिया और अपनी पुत्र वधु श्रीमती प्रियंवदा मोघे से देहदान का घोषणा पत्र भरवाकर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में जमा करा दिया था।
देहावसान के बाद उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार परिजनों ने रविवार शाम को एनाटॉमी विभाग के डॉ. एस.के. शर्मा को सूचना दी। सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही डॉ. शर्मा ने उनके घर फ्रिजर पहुंचाया और सोमवार को सुबह महाविद्यालय के चिकित्सक उनके घर पहुंचे और एम्बूलेंस से शव को लेकर आए। इससे पहले उनके नाती हिमांशु मोघे सहित परिजनों, चिकित्सकों एवं गणमान्य नागरिकों ने स्व. श्री मोघे के चरण स्पर्श कर उन्हें अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा, नगर निगम के सभापति राकेश माहौर, भाजपा के जिला महामंत्री कमल माखीजानी, डॉ. सुखदेव माखीजा, डॉ. जे.एस. नामधारी, जयारोग्य अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया, डॉ. एस.के. शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।
अब तक इन्होंने किया देहदान
4वर्ष 2000, 29 जून - पद्मश्री डॉ. लीला फाटक।
4वर्ष 2003, 24 अप्रैल - सत्या सचदेवा।
4 वर्ष 2008, 04 जुलाई - स्वामी सुखानंद जी महाराज।
4वर्ष 2011, 18 मई -रामस्वरूप साहनी।
4 वर्ष 2011, 18 सितम्बर - रंजना चटर्जी।
4 वर्ष 2011, 25 नवम्बर - तारारानी कालरा।
4 वर्ष 2013, 06 फरवरी - प्रदीप सक्सेना।
4 वर्ष 2016, 3 मार्च - डॉ. मनोहर शहाणे।
4 वर्ष 2016, 07 अप्रैल - काशीनाथ चतुर्वेदी।
4 वर्ष 2016, 13 जून - कमलकांत शर्मा।
4 वर्ष 2016, 11 सितम्बर- जीवननाथ शर्मा।
4 वर्ष 2016, 13 सितम्बर -धर्मवीर साहनी।
4 वर्ष 2016, 30 सितम्बर -प्रमोदचन्द्र चतुर्वेदी।
4 वर्ष 2017, 20 जनवरी -भगवती प्रसाद सिंघल।
4 वर्ष 2017, 19 जून -विष्णु पुरुषोत्तम मानवलकर।
4 वर्ष 2017, 30 जून- मधु शर्मा।
4 वर्ष 2017 22 जुलाई अनिल धवन।
4 वर्ष 2017, 24 जुलाई -राजाराम मोघे।
