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राज्यसभा में सीएजी की रिपोर्ट और रबींद्रनाथ टैगोर के मुद्दे पर केंद्र ने पेश की सफाई

राज्यसभा में सीएजी की रिपोर्ट और रबींद्रनाथ टैगोर के मुद्दे पर केंद्र ने पेश की सफाई
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नई दिल्ली।
संसद का मानसून सत्र के नौंवे दिन मंगलवार को एक ओर जहां सीएजी की रिपोर्ट पर विपक्ष ने घेरा वहीं रबींद्रनाथ टैगोर को स्कूली पाठ्यक्रमों से हटाए जाने के मुद्दे पर केंद्र को सफाई देनी पड़ी।

फिलहाल राज्यसभा में कार्य़वाही जारी है। देश में किसानों की समस्याओं के कारण उनकी आत्महत्या की घटनाओं में हो रही वृद्धि पर अल्पकालीन चर्चा जारी है।

विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद सपा सांसद रामगोपाल वर्मा और एआईडीएम सांसद के आर अर्जुनन ने भी चर्चा में भाग लिया।

राज्यसभा की कार्रवाई के दौरान शून्यकाल में तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सवाल किया कि आखिर ऐसी क्या वजह थी कि रबींद्रनाथ टैगौर को स्कूली पाठ्यक्रमों से हटाने का फैसला लिया गाया है। डेरेक ओ ब्रायन के सवाल का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सरकार टैगोर का सम्मान करती है। साथ ही उन सभी हस्तियों का जिन्होंने देश की आजादी और लेखनी में योगदान दिया।

ब्रायन ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव के लिए सुझाव मंगाए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) संघ से जुड़े शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने इसी सिलसिले में टैगोर की रचनाओं को सिलेबस से बाहर किए जाने का सुझाव दिया था।

इतना ही नहीं न्यास के सुझाव को खारिज करने की मांग करते ब्रायन ने कहा, 'रबींद्रनाथ टैगोर को किसी व्यक्ति से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।'

समाजवादी पार्टी ने नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि न्यास ने स्कूली किताबों से उर्दू के शब्दों और मिर्जा गालिब को भी हटाने का सुझाव दिया है। जिसके जवाब में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘सरकार उन सभी हस्तियों का सम्मान करती है, जिन्होंने देश की आजादी और लेखनी में योगदान दिया।‘

शिक्षा मंत्री ने कहा, 'हम सभी का सम्मान करते हैं और किसी को भी हटाया नहीं जाएगा।' उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों के लिए सभी शिक्षकों और अन्य लोगों से सुझाव मांगे गए हैं ताकि किताब में की गई 'तथ्यात्मक गलतियों' को सुधारा जा सके। जावड़ेकर ने कहा, 'हमें अभी तक 7,000 से अधिक सुझाव मिले हैं और हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे कोई समस्या हो।'

इससे पहले राज्सभा समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने युद्ध के लिए 10 दिन का ही गोला बारूद होने संबंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट का मुद्दा उठाया था। जिसके जवाब में केंद्रीय रक्षा एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इसके बाद राज्यसभा राष्ट्रपति शपथ ग्रहण के चलते दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

Updated : 25 July 2017 12:00 AM GMT
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