आप ने किया ईवीएम चैलेंज स्थगित,अब एक सप्ताह तक होंगे हिस्सा लेने वालों के रजिस्ट्रेशन

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी(आप) ने शनिवार को आयोजित किया जाने वाला ईवीएम चैलेंज स्थगित कर दिया है। पार्टी ने इसके पीछे तर्क दिया है कि आज से हम वाकई ईवीएम चैलेंज का आयोजन कर रहे हैं। इसके लिए पहले हम आज से चैलेंज में हिस्सा लेने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर रहे हैं। एक सप्ताह तक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चलेगी। इसके बाद ईवीएम को हैक करने की तिथि घोषित की जायेगी।
पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पत्रकारों को समझने में गलती हुई है। हमने आज से ईवीएम चैलेंज में हिस्सा लेने वालों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया है जो ईवीएम चैलेंज का ही पार्ट है। चुनाव आयोग के हैकथान पर निशाना साधते हुए आप नेता ने कहा कि ईवीएम को हैक करने के लिए आयोग जिस एक्सरसाइज की बात कर रहा है, उसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन नियम एव शर्तों के आधार पर आयोग अपनी ईवीएम को हैक कराने का बात करता है। वैसी ही शर्तों के साथ हम चुनाव आयोग के अधिकारियों एवं ईवीएम बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के तकनीकी विशेषज्ञों को आमंत्रित करते हैं कि वे आयें और हमारी डेमो वाली ईवीएम को हैक करें।
सौरभ ने कहा कि आयोग कहता है कि यदि उसकी ईवीएम को कोई छेड़ेगा तो वह आॅटो लॉक हो जायेगी| ऐसे में आयोग को डर किस बात का है। ईवीएम के आॅटो लॉक होने पर उसकी सत्यता सबके सामने आ जायेगी लेकिन ये केवल बहानेबाजी है। जब तक चुनाव आयोग किसी को अपनी मशीन का एक्सेस नहीं देगा तब तक कोई कैसे उसकी ईवीएम को हैक कर सकता है? भारद्वाज ने कहा कि भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने तो ईवीएम टेम्परिंग पर पूरी किताब लिखी है तथा सुब्रमण्यम स्वामी ईवीएम के मुद्दे को अदालत में लेकर चले गये थे।
एक सवाल के जवाब में आप नेता ने कहा कि कांग्रेस इसीलिए ईवीएम टेम्परिंग का विरोध नहीं कर रही है। शायद वह देश की राजनीति में अपना भविष्य नहीं देख रही है लेकिन हम ईवीएम का विरोध करते रहेंगे।
भारद्वाज ने कहा कि हम लोकतंत्र के दुश्मन नहीं है। हम भी चुनाव आयोग जैसी संस्था का सम्मान करते हैं। यदि उसकी ईवीएम हैक नहीं हुई तो हमें भी खुशी मिलेगी। लेकिन लोगों के सामने ईवीएम की प्रमाणिकता साबित होनी जरूरी है। इस दौरान आप नेता ने माना कि देशभर में जिन भी ईवीएम से चुनाव हुए हैं, उन सभी में गड़बड़ नहीं थी। कुछ ईवीएम को हैक करके चुनावों में धांधली की गई थी। इसके अलावा भी चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के कई अन्य तरीके हैं।