प्लाट देखने गई थी निशा, एक-दूसरे से अनजान थे मृतक

ग्वालियर, न.सं.। घाटीगांव में हुए सड़क हादसे में मारे गए सभी लोग एक-दूसरे से अनजान थे, जबकि निशा अपने भाई से मोहना में प्लाट देखने के लिए कहकर रात को घर से निकली थी। पुलिस कड़ी से कड़ी को जोड़कर इस हादसे की जांच-पड़ताल कर रही है।
रेलवे कॉलोनी रेसकोर्स ग्वालियर की रहने वाली निशा उर्फ हुसना खान ने संजय वाधवानी से प्रेम विवाह किया था। निशा हाल ही में अपने मायके भाई रहमान और फिरोज के पास रेलवे कॉलोनी ग्वालियर आई थी। फिरोज ने जानकारी देते हुए बताया कि निशा रात नौ बजे मुझसे मोहना में प्लाट देखने और ढाबे पर खाना खाने की कहकर गई थी। उसके साथ कौन-कौन गया था। इस बारे में उसे मुझे नहीं बताया था। मेरी बहन हुसना खान और भांजी हर्षिता के साथ मारे गए राहुल व विजय को मैं जानता नहीं हूं और न ही कभी इनसे मेरी मुलाकात हुई है। पुलिस ने बताया कि रात को सड़क हादसा हुआ है। निशा की कार चालक विजय अग्रवाल और रेलवे के टीसी राहुल कुशवाह के साथ कैसे जान पहचान हुई है। इस बारे में अभी पता नहीं चल सका है, जबकि इशिका कुछ भी बोलने से इंकार कर रही है।
इंटरसिटी से शाम को आया और सुबह जाना था टीसी को
सड़क हादसे में मारे गए टीसी राहुल कुशवाह की मुंहबोली बहन सुषमा नागार्च निवासी गुना ने बताया कि राहुल गुरुवार शाम को इंटरसिटी से ग्वालियर आया था और शुक्रवार को सुबह वापस उसी ट्रेन को लेकर जाने वाला था। उसके साथ महिला और उसकी बेटियां कौन हैं और उनके साथ वह क्यों गया था। इस बारे में पता नहीं लग पा रहा है। अशोकनगर में राजस्व विभाग में बाबू सुषमा विच्छेदन गृह पर गमगीन हालत में बैठी हुई थी। उसकी राहुल के बड़े भाई से बात हो रही थी। सुषमा को भी मामला कुछ रहस्यमय लग रहा था।
विजय ने दोस्त से मांगी थी कार
बताया गया है कि विजय अपने दोस्त की स्विफ्ट कार मांगकर ले गया था। दोस्त से विजय ने क्या कहकर गाड़ी मांगी थी। इस बारे में पता नहीं चल सका है। हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।
हादसे की कहानी में हैं कई पेंच
ट्रक-कार हादसे में मारे गए सभी लोग अलग-अलग स्थान के रहने वाले हैं, लेकिन उनका आपस में क्या रिश्ता था। इसको लेकर पुलिस माथापच्ची कर रही है। निशा उर्फ हुसना खान के भाई फिरोज ने तो साफ कहा है कि गाड़ी में निशा के साथ जो लोग थे, उन्हें वह पहाचनता नहीं है। घटना कुछ और भी हो सकती है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जाकों राखे सांइया मार सके ना कोय
जाकों राखे सांइया मार सके न कोय। यह कहावत एक बार फिर उस समय चरितार्थ हो गई, जब कार के अंदर बैठी इशिका को खरोंच तक नहीं आई, जबकि उसके बगल में बैठी मां और बहन तथा आगे की सीट पर बैठे विजय व राहुल की दर्दनाक मौत हो गई। इशिका हादसे के बारद बुरी तरह घबराई हुई है। पुलिस ने उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की है।