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जयारोग्य में मरीजों के साथ दलाली

जयारोग्य में मरीजों के साथ दलाली
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प्रबंधन की नहीं टूट रही नींद ,मरीजों को किया जा रहा निजी अस्पताल में रैफर

ग्वालियर, न.सं.। अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य चिकित्सालय में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण इन दिनों अस्पताल की खुलकर आलोचना हो रही है। अस्पताल में पहुंच रहे मरीजों को जहां एक ओर उपचार के लिए परेशान होना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर बेहतर उपचार की आस लेकर पहुंच रहे मरीजों को दलाली के चक्कर में चिकित्सकों द्वारा निजी अस्पतालों में लुटवाया जा रहा है। जिसका एक मामला रविवार -सोमवार की रात को सामने आया, जब सड़क हादसे में घायल होकर 108 एम्बुलेंस से जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेन्टर में पहुंचे मरीज को चिकित्सकों द्वारा निजी अस्पताल में भेज दिया। जिसकी शिकायत मरीज के परिजनों ने सहायक अधीक्षक से दर्ज कराई। जानकारी के अनुसार मुरैना निवासी 65 वर्षीय रामदुलारे रविवार को सड़क हादसे मे घायल हो गए थे, जिसके चलते रामदुलारे का पुत्र बकील मुरैना जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने स्थिति गम्भीर बताते हुए जयारोग्य के ट्रॉमा सेन्टर भेज दिया। बकील अपने पिता को लेकर रविवार -सोमवार की रात लगभग 12.30 बजे जयारोग्य की कैजुअल्टी पहुंचे जहां रामदुलारे की एन्ट्री करते हुए ट्रॉमा सेन्टर में भर्ती के लिए भेज दिया। लेकिन ट्रॉमा में उपस्थित चिकित्सकों ने मरीज की स्थिति गम्भीर बताते हुए कहा कि रविवार का अवकाश होने के कारण यहां कोई चिकित्सक नहीं है, इसलिए वह अपने मरीज को अन्य दूसरे अस्पताल में ले जाएं। इतना ही नहीं चिकित्सकों ने मरीज को 108 एम्बूलेंस से ही झांसी रोड स्थित आयुष्मान हॉस्पीटल में भेज दिया।

मरीज के बेटे बकील बघेल ने बताया कि वह किसानी कर अपने घर का भरण पोषण करता है, जब चिकित्सकों ने चिकित्सक न होने की बात कही तो उसे कुछ समझ नहीं आया और 108 एम्बूलेंस उसे सीधा आयुष्मान लेकर पहुंच गई, जहां उपचार के दौरान उसके 15 हजार रूपए खर्च हो गए। जिसकी शिकायत करने बकील सोमवार को सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया के पास पहुंचे और लिखित में अपनी शिकायत दर्ज कराई। जिस पर डॉ. नरवरिया ने मरीज को दुबारा ट्रॉमा सेन्टर मे भर्ती करवाया, साथ ही केजुअल्टी सहित ट्रॉमा सेन्टर के प्रभारी को नोटिस जारी करने की भी बात कही।

108 ही लेकर पहुंची आयुष्मान

इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि मरीज को जयारोग्य चिकित्सायल से 108 एम्बूलेंस आयुष्मान हॉस्पीटल लेकर पहुंची थी। जबकि 108 एम्बूलेंस किसी भी निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती नहीं करा सकती।

अब 108 एम्बूलेंस की होगी एन्ट्री

ट्रॉमा सेन्टर से मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट करने के मामले लगातार सामने आने के बाद अब सहायक अधीक्षक डॉ. नरवरिया ने केजुअल्टी के स्टाफ को 108 एम्बूलेंस की एन्ट्री करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें मरीज को लेकर आने वाली 108 गाड़ी का नम्बर, ड्राइवर सहित अन्य जानकारी लिखी जाएगी। जिससे 108 पर तो कुछ हद तक लगाम कस जाएगी, लेकिन चिकित्सकों द्वारा शिफ्ट करने के मामले कैसे रोके जाएंगे, इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

पहले भी आ चुके हंै कई मामले

जयारोग्य अस्पताल में सक्रिय दलालों द्वारा चिकित्सकों के साथ सांठ-गांठ कर निजी अस्पतालों में गरीब मरीजों को लुटवाने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन न तो चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई करता है और न ही दलालों पर लगाम कस पा रहा है।

इनका कहना है

मै किसान हूं चिकित्सकों ने मेरे पिता को आयुष्मान हॉस्पीटल ले जाने की बात कहते हुए वहां भेज दिया, लेकिन मेरे पास पैसे नहीं थे, इस लिए मेने अपने पिता को दुबारा जयारोग्य के ट्रॉमा में भर्ती करवाया है।

बकील
मरीज का पुत्र

Updated : 20 Jun 2017 12:00 AM GMT
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