आखिर क्या है इस साक्षात्कार घोटाले का सच!

आखिर क्या है इस साक्षात्कार घोटाले का सच!
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सीएमएचओ कार्यालय भर्ती में घोटाले की तैयारी

- सिविल सर्जन ने पोस्ट डालने वाले अधिकारी से पूछा कारण

- कथित घोटाला उजागर हो जाने से विभाग में मची खलबली
ग्वालियर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय ग्वालियर में स्टाफ नर्स की भर्ती के नाम पर घोटाले का संदेश शुक्रवार की सुबह सिविल सर्जन डॉ. डी.डी. शर्मा के वॉट्सअप ग्रुप ‘गवर्नमेंट हैल्थ डिपार्टमेंट’ पर वायरल हुआ। ग्रुप के सदस्यों द्वारा यह संदेश अन्य ग्रुपों और मीडिया कर्मियों के पास भी फॉरवर्ड किया गया। एक संदेश से घोटाले की सच्चाई उजागर होते ही कथित रूप से शुक्रवार को होने वाले साक्षात्कार नहीं हुए और स्वास्थ्य विभाग में हंगामा मच गया है।

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग में 30 स्टाफ नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय स्तर से की जा रही इन भर्तियों के लिए 14 अप्रैल से अब तक लगभग 150 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हो चुके हैं। यह साक्षात्कार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा गठित एक कमेटी द्वारा लिए गए हैं। शुक्रवार की सुबह वॉट्सअप पर वायरल हुए संदेश में बताया गया कि इस भर्ती प्रक्रिया में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों द्वारा बड़े घोटाले की तैयारी की गई है। संदेश में यह भी बताया गया कि प्रत्येक भर्ती के लिए दो-ढाई लाख रुपये की रिश्वतखोरी की तैयारी है। इस संदेश के वायरल होते ही गुपचुप साक्षात्कार की तैयारियां धराशायी हो गर्इं और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। गु्रप एडमिन सिविल सर्जन डॉ. डी.डी. शर्मा ने पोस्ट डालने वाले डॉ. शिरीश सिंघल से वॉट्सअप संदेश के माध्यम से ही यह पूछा कि यह ग्रुप शासकीय सूचनाओं और निर्देशों को शेयर करने के उद्देश्य से बनाया गया है। आपने यह संदेश किस आधार पर डाला है। डॉ. सिंघल ने इसका उत्तर दिया अथवा नहीं यह पता नहीं चल सका। लेकिन ग्रुप एडमिन ने अपना ग्रुप ही बंद कर दिया। डॉ. सिंघल से भी इस संबंध में जानने के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस.जादौन ने फोन तो उठाया लेकिन सवाल सुनते ही व्यस्त होने की बात कहकर फोन काट दिया।

सामने आ पाएगा इस घोटाले का सच?

स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ नर्स की भर्ती के नाम पर लाखों के घोटाले का संदेश वायरल हो जाने के बाद क्या इस संदेश की जांच कराई जाएगी। खास बात यह है कि यह संदेश सटीक तथ्यों को दर्शाते हुए एवं विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा उजागर किया गया है। सीएमएचओ कार्यालय के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा है तो आखिर इसकी निष्पक्ष जांच क्यों नहीं होनी चाहिए।

यह लिखा है वायरल संदेश में

‘ग्वालियर ब्रेकिंग ......
सीएमएचओ आॅफिस में स्टाफ नर्स की भर्ती और इंटरव्यू में घोटाले।
ग्वालियर के सीएमएचओ आॅफिस के तहत करीब 25 स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। 14 अप्रैल से शुरू हुई इस प्रक्रिया में अब तक करीब 150 ट्रैंड नर्सों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। लेकिन इसी बीच दलाल भी सक्रिय हो गए हैं जो 2 से 2.5 लाख रुपये मांग रहे हैं। भर्ती की सेटिंग के तहत आज भी कुछ ऐसे आवेदकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है जिनके इंटरव्यू एक बार पहले हो चुके हैं। इन आवेदकों के दोपहर 12 बजे इंटरव्यू होंगे जो सीएमएचओ डॉ. एम.एस.जादौन और डीएचओ डॉ. गुर्जर की उपस्थिति में लिए जाएंगे। आॅफिस के कुछ बाबुओं की मिली भगत की भी खबरें हैं। पात्र आवेदकों ने आयुक्त से भर्ती में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की मांग की है। ’

स्थानीय खरीद में भी घोटाले की चर्चा

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर कार्यालय में विगत छह माह में बिना टेंडर एवं फर्जी कुटेशनों के आधार पर स्थानीय खरीद किए जाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। सूत्र बताते हैं कि बेबी किट सहित मरीजों के लिए उपयोग की जाने वाली स्वास्थ्य सामग्री एवं दवाओं की खरीद में अधिकारियों द्वारा दलाली खाकर नियमों की अनदेखी की है तथा बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है।

इनका कहना है

नर्सिंग भर्तियों का काम मैं नहीं देखता हूँ। इस तरह के संदेश की जानकारी मुझे नहीं हैं। नर्सिंग का काम डॉ. मिश्रा देखते हैं, इस संबंध में उन्हीं से बात करें।
के.के.ठस्सू


प्रमुख सचिव
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग म.प्र. शासन

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