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दवा विक्रेता रहे हड़ताल पर, सरकारी चिकित्सकों ने लिखी जेनेरिक दवा

दवा विक्रेता रहे हड़ताल पर, सरकारी चिकित्सकों ने लिखी जेनेरिक दवा
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ग्वालियर| मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे मेडिकल स्टोर संचालकों की वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई। लोग दवा पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाते रहे। उन्हें दवाएं नहीं मिली। निजी क्लीनिक एवं अस्पतालों में मेडिकल स्टोर अवश्य खुले हुए थे। बेहद जरूरतमंद लोगों ने काम चलाने के लिए वहां से अवश्य दवाएं लीं। दिनभर की हड़ताल से दवा व्यापारियों ने करीब दो करोड़ रुपये के व्यापार पर चोट पड़ने की संभावना जताई है। ऐसे हालात में कुछ मरीज दिन भर परेशान हुए व दवाएं लेने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। कुछ लोगों ने तो पहले से ही अपनी दवाएं ले ली थीं, ताकि उनको परेशानी का सामना न करना पड़े। जो लोग रह गए थे वे दवा लेने के लिए अपने परिचित से मोबाइल पर दवा मांगते रहें, परंतु हड़ताल रहने से किसी को कोई दवा नहीं मिल पाई। वहीं चिकित्सकों द्वारा जो दवा मरीजों को पर्चे पर लिखी गई थी वह पूरी दवा उन मेडिकल स्टोर पर नहीं मिल रही थी, जो मेडिकल स्टोर बंद से मुक्त रखे गए थे। जिसके चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

केंद्र सरकार द्वारा आॅनलाइन फार्मेसी खोलने तथा पोर्टल सिस्टम लागू करने का विरोध कर रहे दवा व्यवसायी मंगलवार को पूरे देश के साथ-साथ ग्वालियर के दवा व्यवसायी हड़ताल पर रहे। ग्वालियर कैमिस्ट एसोसिएशन के नेतृत्व में सुबह 10 बजे दवा व्यापारी दवा बाजार में एकत्रित हुए व वहां उन्होंने रैली निकाली जो दवा बाजार होते हुए हुजरात चौराहे पर बनाए गए कंट्रोल रूम पर जाकर समाप्त हुई।

दवा व्यापारियों की टोलियां घूमी शहर में
मंगलवार को दवा व्यापारियों की टोलियां शहर भर में घूमीं, इस दौरान जो भी मेडीकल दुकानें खुली देखीं उन्हें बंद करने को कहा।

अस्पताल रोड पर भटकते रहे लोग
दवा व्यापारियों की हड़ताल से मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। अस्पताल रोड, हुजरात मार्केट एवं कस्तूरबा मार्केट पर काफी संख्या में मेडिकल स्टोर की दुकानें हैं। यहां लोग दवाएं खरीदने के लिए परेशान रहे।

जयारोग्य परिसर में रही सबसे अधिक भीड़
दवा व्यवसायियों की हड़ताल के कारण सबसे ज्यादा भीड़ जयारोग्य परिसर में स्थित मेडिकल स्टोर पर रही। एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी शिवरतन सिंधवानी ने बताया कि एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश अरोरा, सचिव महेंद्र जैन के नेतृत्व में गठित की गई टीमों ने खुले हुए मेडिकल स्टोर पर दवाओं की कमी न हो इसके लिए दवाएं पहुंचाने में लगे थे।

अस्पताल-क्लीनिकों पर रही भीड़
मेडिकल स्टोर संचालकों की हड़ताल का असर अस्पताल, क्लीनिक यहां तक कि जिला अस्पताल में देखने को मिला। अस्पताल एवं क्लीनिकों में सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ रही। जिला अस्पताल में भी दवाएं लेने वाले अधिक पहुंच गए। हालांकि ब्रांडेड दवाएं न मिलने से उन्हें निराशा हुई। मेडिकल स्टोर संचालकों की हड़ताल से डाक्टरों की खूब चांदी हुई। चिकित्सकों ने मनमाफिक दवाएं अपने स्टोर के लिए लिखीं।

Updated : 31 May 2017 12:00 AM GMT
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