प्रदूषण फैलाने पर लगा जुर्माना

एनजीटी ने इजरायली कम्पनी पर 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कम्पनी पर यह जुर्माना प्रदूषण फैलाने के लिए लगाया गया है।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में छोईया, बगद और मतवाली नदियों में रासायनिक कचरा प्रवाहित करने को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इजरायल की जानी मानी दवा कंपनी पर 15 लाख रूपए का जुर्माना लगाया है।
गजरौला क्षेत्र के लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि और पशुपालन है। कुछ लोग फलों एवं सब्जियों का उत्पादन करते हैं। औद्योगिककरण ने इन सभी लोगों के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कृषि भूमि उद्योगों मे जाने से कुछ लोगों ने दुधारू पशुओं को जीविका चलाने की योजना बनाई, लेकिन रासायनिक उद्योगों के कारण वह सफल नहीं हो सकी। प्रदूषित वायु, जल तथा चारे का दुष्प्रभाव पशुओं पर सर्वाधिक पड़ा। इन पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता लगातार घटती चली गई।
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ गंगा नदी मामले की सुनवाई कर रही है। एनजीटी की प्रधान पीठ गजरौला दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे स्थित उत्तर प्रदेश के खेल युवा मामलों के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान की कोरल न्यूज प्रिंट समेत 13 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का आदेश पहले ही सुना चुके हैं, जिसमें भरतिया ग्रुप की जूबलिएंट की रासायनिक फैक्ट्री भी शामिल है।