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जमाहर में नाले के पानी से उगाई जा रही हैं सब्जियां

जमाहर में नाले के पानी से उगाई जा रही हैं सब्जियां
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प्रशासन का आदेश खूंठी पर

ग्वालियर, न.सं.। शहर के बीचों-बीच से निकलने वाले नाले के पानी से शहर से सटे गांवों में किसानों द्वारा फल और सब्जियां उगाई जा रही हैं। जहरीले रसायनों और गंदगी से युक्त नाले के इस पानी से उगने वाली सब्जियां और फल भी जहरीले और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। इस कारण ग्वालियर जिला प्रशासन ने नाले के पानी से सब्जियों की पौध की सिंचाई को प्रतिबंधित किया था। लेकिन मऊ-जमाहर सहित अन्य चिन्हित गांवों में किसानों ने प्रशासन के आदेश को अनसुना कर खेतों में उग रही ककड़ी, सिंघाड़े सहित अन्य फल-सब्जियों और फसलों में नाले के पानी से सिंचाई की जा रही है।

शनिवार की सुबह मऊ-जमाहर एवं जलालपुर आदि गांवों के किसान नाले के पानी से सिंचाई करते दिखाई दिए। खास बात यह है कि इस क्षेत्र के अधिकांश किसानों ने गेंहँॅू की फसल उगाई है, जिसकी कटाई का काम चल रहा है। शेष खाली पड़े अधिकांश खेतों में ककड़ी उगाई गई है। ककड़ी की पौध की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता नाले के इस पानी से ही पूरी की जा रही है। कुछ किसानों ने यहां तुरैया, लौकी, कद्दू भी उगाए हैं, जिसकी सिंचाई भी नाले के पानी से की जाती है।

नहर सिस्टम से खेतों तक जाता है नाले का पानी

शहर से निकले नाले का पानी उत्तरी अंतिम छोर पर ट्रिपल आईटीएम के आगे जलालपुर गांव के पास नहरों में विभाजित हो जाता है। यह नहरें आसपास के गांवों में खेतों के बीच से निकलती हैं। किसान पंपों के माध्यम से इन नहरों से पानी लेकर खेतों में फसलों और सब्जियों की पौध की सिंचाई करते हैं।

खेड़ापति पर भी नाले के पानी से सिंचाई

शहर के बाहरी हिस्से पर बसे गांव ही नहीं शहर के बीचों-बीच खेड़ापति मंदिर के आसपास भी स्वर्णरेखा नाले के गंदे पानी से मूली, गोभी, गाजर सहित अन्य सब्जियां उगाई जाती हैं। इन ताजी सब्जियों को ठेले वाले सीधे खरीदकर आसपास के क्षेत्रों में बेचते हैं। शेष सब्जियों को मंडी में भी बेचा जाता है।

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Updated : 9 April 2017 12:00 AM GMT
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