पुलिस ने समझा-बुझाकर धरना स्थल से हटाए उपद्रवी छात्र

मुख्यमंत्री के आने से पहले खाली कराया झलकारी बाई पार्क
ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय के विधि संस्थान में डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर कार्यक्रम आयोजन की अनुमति नहीं मिलने को लेकर शुरू हुए विवाद बाद शिक्षकों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर झलकारी बाई पार्क में बिना अनुमति के भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों को पुलिस प्रशासन ने मुख्यमंत्री के आने से पहले ही समझा-बुझाकर हटा दिया और पार्क को खाली करा लिया। इसके बाद छात्रों ने फूलबाग स्थित अम्बेडकर पार्क में पहुंचकर धरना शुरू कर दिया। उधर निष्कासन का पत्र नहीं मिलने के कारण शुक्रवार को छात्र अपने बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। इस विवाद के चलते विश्वविद्यालय में जो स्थिति निर्मित हो चुकी है, उसे देखते हुए अब विवि में धारा 52 लगाने की मांग उठने लगी है।
जानकारी के अनुसार जीवाजी विवि में चल रहे इस विवाद को निपटनाने के लिए शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक सभागार में छात्रों और प्राध्यापकों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें एडीएम शिवराज वर्मा ने कहा कि छात्र बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे शहर का माहौल खराब हो रहा है। अगर छात्रों को धरना देना है तो प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थान की अनुमति लेना होगी। श्री वर्मा ने कहा कि जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की जायज मांगों पर कार्रवाई करे। बताया गया है कि अब शनिवार को दोपहर 12 बजे जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला छात्रों से चर्चा करेंगी।
बताया गया है कि एडीएम के साथ हुई बैठक में अजाक्स के जिलाध्यक्ष मुकेश मौर्य ने कहा कि विवि ने इस मामले की जांच के लिए जो उच्च स्तरीय समिति बनाई है, उसमें एक सदस्य अजाक्स का भी शामिल किया जाए, जिससे जांच निष्पक्ष हो सके।
इसके जवाब में विवि के प्रतिनिधि डॉ. केशव सिंह गुर्जर ने कहा कि जांच समिति में आरक्षित वर्ग के तीन सदस्य रखे गए हैं, जनमें अजाक्स की ओर से डॉ. शांतिदेव सिसौदिया शामिल हैं। इस पर श्री मौर्य ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि डॉ. सिसौदिया विवि में कार्यरत हैं। ऐसे में वे निष्पक्ष जांच कैसे कर सकेंगे, इसलिए समिति में अजाक्स द्वारा नामित सदस्यों को शामिल किया जाए। बैठक में यह भी कहा गया कि छात्रों द्वारा जो मांगें रखी जा रही हैं, वह जायज नहीं हैं। शिक्षकों को गिरफ्तार करना ठीक नहीं हैं। छात्रों पर भी मामला दर्ज है, इसलिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। बैठक समाप्त होने के बाद छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे और अम्बेडकर पार्क में धरने पर बैठ गए। बैठक में एसडीएम महीप तेजस्वी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश कौशल, नगर पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह जादौन, विश्वविद्यालय थाना प्रभारी विनायक करकरे उपस्थित थे।
निष्कासन का पत्र दिया नहीं और बुला लिया पक्ष सुनने
इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को समिति की बैठक आयोजित कर छात्रों को उनका पक्ष सुनने के लिए बुलाया गया, लेकिन एक भी छात्र अपना बयान दर्ज कराने नहीं आया। उनके प्रतिनिधि के रूप में एक छात्र को भेजा गया। इसके साथ ही एक छात्र सूरज राजौरिया ने उप कुलसचिव को पत्र लिखकर कहा है कि विवि ने हमें साजिशन निष्कासित किया है, जिसकी सूचना हमें आज तक नहीं दी गई है। हमें जांच समिति पर विश्वास नहीं है। पहले समिति के बारे में पूरी जानकारी सहित निष्कासन पत्र सहित अन्य जानकारी उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा बयान देने के लिए कम से कम सात दिन का समय भी दिया जाए तभी हम बयान दर्ज कराएंगे।
प्राध्यापकों के दर्ज कराए बयान
शुक्रवार को आयोजित हुई जांच समिति की बैठक में छात्र तो नहीं पहुंचे, लेकिन शाम को पीड़ित शिक्षक प्रो. आर.ए. शर्मा और डॉ. गणेश दुबे ने समिति के सामने लिखित में अपने बयान दर्ज कराए।