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राजस्व वसूली में रुचि नहीं ले रहे परिवहन विभाग के अधिकारी, अवैध वसूली धड़ल्ले से जारी

राजस्व वसूली में रुचि नहीं ले रहे परिवहन विभाग के अधिकारी, अवैध वसूली धड़ल्ले से जारी
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मौत बनकर दौड़ रहे हैं गिट्टी से उफनते डम्पर
ग्वालियर|
ग्वालियर जिले की सीमा में संचालित वैध और अवैध खदानों से खनन माफिया जहां रॉयल्टी चोरी का खेल खुलकर खेल रहा है वहीं परिवहन विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर खनिज माफिया बिना राजस्व चुकाए अपने क्षमता से चार गुना अधिक गिट्टी से भरे डम्परों को दिन-रात सड़कों पर दौड़ा रहा है। राजस्व चोरी को रोकने के उद्देश्य से बिलौआ में स्थापित की गई परिवहन चौकी पर राजस्व वसूली तो नाम मात्र के लिए की जा रही है, लेकिन अवैध वसूली प्रतिदिन लाखों में जारी है। इसे परिवहन विभाग के अधिकारियों की शर्मनाक हरकत ही कहा जाएगा कि अवैध वसूली के चलते सड़कों पर मौत बनकर सरपट दौड़ते क्षमता से चार गुना अधिक भरे डम्परों को अर्थदंड और आॅफलोड किए बिना प्रदेश की सीमा से बाहर निकालने तक की खुली छूट दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि बिलौआ के खनन क्षेत्र से प्रतिदिन लगभग एक हजार ट्रक व डम्पर काले पत्थर की गिट्टी लेकर शहर और प्रदेश से बाहर जा रहे हैं। इनमें अधिकांश ट्रक धौलपुर व इटावा सहित अन्य शहरों को जाते हैं। खनिज लेकर निकल रहे इन ट्रकों व डम्परों की क्षमता अधिकतम 10 टन से लेकर 25 टन तक होती है, लेकिन इन ट्रकों में 40 से 60 टन तक खनिज भरकर सड़क पर तेज गति में दौड़ाया जा रहा है। क्षमता से चार गुना अधिक भरे इन वाहनों के सड़क पर पलटने और अनियंत्रित होने से जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं वहीं डम्परों से उफतनी गिट्टी के सड़क पर फैलने से यह छोटे वाहनों के लिए खतरा बन रही है। बिलौआ से खनिज लेकर निकल रहे वाहनों से राजस्व और अर्थदंड वसूलने का हवाला देकर परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने शासन से बिलौआ में अस्थाई परिवहन चैक पोस्ट स्थापित करने की अनुमति ली थी, लेकिन यह परिवहन चैक पोस्ट परिवहन विभाग के अधिकारियों का अवैध वसूली का केन्द्र बनकर रह गई है। राजस्व के प्रति परिवहन विभाग के अधिकारियों की उदासीनता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि बिलौआ में प्रतिदिन एक हजार ट्रक ओवरलोड (क्षमता से चार गुना अधिक) निकलते हैं, लेकिन परिवहन अपर आयुक्त विजय सूर्यवंशी की विशेष रुचि से यहां पदस्थ किए गए कर्मचारियों द्वारा चालान सिर्फ 10 से 15 डम्परों के बनाकर औपचारिकता पूरी की जा रही है। ऐसा नहीं है कि क्षमता से चार गुना अधिक खनिज लेकर निकलते ट्रकों व डम्परों की संख्या की जानकारी परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव और अपर आयुक्त (प्रवर्तन) श्री सूर्यवंशी को नहीं है। सब कुछ पता होते हुए भी इन डम्परों व ट्रकों को बिना अर्थदंड और आॅफ लोड (क्षमता से अधिक भरे माल को खाली कराना) किए सड़क पर दौड़ने की खुली छूट दी जा रही है। इस संबंध में परिवहन अपर आयुक्त (प्रवर्तन) विजय सूर्यवंशी का कहना है कि चैक पोस्ट के आसपास धर्मकांटा नहीं होने के कारण अंदाज से अर्थदंड वसूलकर डम्परों व ट्रकों को जाने दिया जाता है। आॅफलोड के सवाल पर वह कहते हैं कि इसके लिए हमारे पास स्थान नहीं है, जबकि नियमानुसार ओवरलोड वाहन से अर्थदंड वसूलने के बाद भी उसे आॅफलोड किए बिना आगे जाने देना ही अवैधानिक है। इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने हेतु परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एसपीएस चौहान से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया। परिवहन आयुक्त को उनके मोबाइल पर सारे बिन्दुओं से अवगत कराते हुए प्रतिक्रिया चाही गई, लेकिन दो बार भेजे गए संदेशों को उन्होंने पढ़ा जरूर, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं दी।

लठैतों के सहारे प्रतिदिन लाखों की अवैध वसूली
बिलौआ से गिट्टी भरकर निकलते ट्रक व डम्परों से प्रतिदिन राजस्व वसूली भले एक दर्जन से ही हो पाती हो, लेकिन अवैध वसूली प्रतिदिन 300 से अधिक डम्परों व ट्रकों से की जाती है। खास बात यह है कि परिवहन मंत्री गैर शासकीय (बाहरी) व्यक्तियों के टोल टैक्स बैरियरों अथवा परिवहन चौकियों पर नहीं दिखाई देने के निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं। इसके बावजूद बिलौआ की परिवहन चौकी पर शाम छह बजे के बाद लठैतों के सहारे और दिन में एक बाहरी युवक द्वारा डम्परों व ट्रकों से अवैध वसूली कराई जा रही है। पीड़ित ट्रक व डम्पर चालकों ने बताया कि प्रदेश के बाहर के डम्परों से 10 हजार रुपए, म.प्र. के सामान्य भरे डम्परों से 5500 रुपए और क्षमता से अधिक भरे डम्परों से 10 हजार रुपए तक की अवैध वसूली बिलौआ चैक पोस्ट पर की जा रही है। अवैध वसूली देने से मना करने पर उनके साथ अभद्रता व मारपीट कर वाहनों को जब्त कर नियमानुसार अर्थदंड कर एक से डेढ़ लाख रुपए तक वसूली करने की धमकी दी जाती है। ऐसे में डम्पर मालिक पांच-दस हजार रुपए देकर अपने वाहन निकाल ले जाते हैं। खास बात यह है कि बिलौआ से अवैध खनन और परिवहन में जुटे माफिया और दबंगों के करीब 500 से अधिक ट्रक व डम्परों से नियमानुसार राजस्व ही नहीं वसूला जा रहा है।

घोटाले खोले तो नहीं उठेंगे अधिकारियों के फोन
परिवहन विभाग की सामान्य गतिविधियों, निर्णयों और अधिकारियों की वाहवाही के समाचार प्रकाशित कराने के लिए अधिकारी निरंतर मीडिया के संपर्क में रहते हैं, लेकिन विभाग के घोटालों और अनियमितताओं को उजागर करने पर अधिकारी न तो कुछ बोलना चाहते हैं और न ही फोन उठाते हैं।

Updated : 5 April 2017 12:00 AM GMT
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