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धर्म परिवर्तन के लिए पाकिस्तान में ईसाइयों पर बनाया जा रहा है दबाव

धर्म परिवर्तन के लिए पाकिस्तान में ईसाइयों पर बनाया जा रहा है दबाव
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इस्लाम कबूलो और हत्या के आरोप से मुक्ति पाओ

ग्वालियर, न.सं.। पड़ोसी देश पाकिस्तान में केवल हिन्दुओं को ही नहीं बल्कि अन्य धर्मों के लोगों पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जा रहा है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों पाकिस्तान से लेकर भारत तक प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक और सोशल मीडिया में छाया हुआ है, जिसमें पाकिस्तान के सरकारी वकील द्वारा सजा से बचाने के नाम पर हत्या के आरोपी ईसाई अभियुक्तों पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने इस घटना की आॅडियो रिकॉर्डिंग होने का दावा किया है।

भारत में इस्लामिक शासन के दौरान प्रलोभन और बल पूर्वक अन्य धर्म के लोगों को मुसलमान बनाने के उल्लेख अनेक ऐतिहासिक संदर्भों में मिलते हैं, लेकिन पाकिस्तान में दबाव डालकर आज भी अन्य धर्म के लोगों को मुसलमान बनाने का क्रम जारी है। पाकिस्तान के एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता जोसेफ फ्रांसी ने पाकिस्तान के एक सरकारी वकील पर हत्या के मामले में आरोपी ईसाई समाज के लोगों को ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अभियोजन पक्ष के वरिष्ठ लोक अभियोजक सईद अनीश शाह ने दो मुस्लिम व्यक्तियों की कथित हत्या के मामले में फंसे ईसाई समाज के 42 लोगों को यह प्रलोभन दिया है कि यदि वे ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म स्वीकार कर लें तो वह उन्हें हत्या के आरोप से मुक्त कराकर रिहा करा देंगे। सामाजिक कार्यकर्ता जोसेफ फ्रांसी के अनुसार सरकारी वकील द्वारा दिए गए इस प्रलोभन के जवाब में एक आरोपी इरफान मसीह ने पलटकर यह कहा कि यदि वरिष्ठ लोक अभियोजक सईद अनीश शाह इस्लाम धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लें तो वह खुद कथित हत्या के आरोप में फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार है।

यहां उल्लेखनीय है कि मार्च 2015 में लाहौर के समीप स्थित ‘युहना सेक्ट’ के ईसाई बहुल युहानाबाद उप नगर के दो चर्चों पर आत्मघाती आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले के बाद भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में मुस्लिम समाज के दो लोगों की भी मौत हो गई थी। इस कथित हत्या के लिए 42 ईसाई धर्मावलम्बियों पर पीट-पीटकर हत्या करने के आरोप में लाहौर की एक आतंकरोधी विशेष अदालत में मुकद्मा चल रहा है। पाकिस्तानी ईसाई समाज का कहना है कि परस्पर हिंसा में मारे गए मुस्लिम समाज के दोनों व्यक्ति भी चर्च पर किए गए आतंकी हमले में शामिल थे।

Updated : 5 April 2017 12:00 AM GMT
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