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योगी सरकार ने निभाया चुनाव में किया वादा , किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ

योगी सरकार ने निभाया चुनाव में किया वादा , किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ
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किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्ज माफ

लखनऊ, ब्यूरो। जनता से किए चुनावी वादे को पूरा करते हुए योगी सरकार ने किसानों को ऋण माफी दे दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने दो करोड़ से ज्यादा किसानों के फसली ऋण माफ कर दिए। कैबिनेट बैठक में नौ अन्य अहम फैसले भी लिए । सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया के सामने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के दो करोड से अधिक लघु एवं सीमांत किसानों का एक लाख रुपए तक का फसली कर्ज माफ करने का महत्वपूर्ण फैसला किया। इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36359 करोड रुपए का बोझ आएगा। किसानों की ऋण माफी विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में प्रमुख मुद्दा था। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, यह हमारे संकल्प पत्र का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव के दौरान ऐलान किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में ही लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। सिंह ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों के विषय में जो महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट ने किया है, वह फसली ऋण से संबंधित है। गत वर्ष सूखा पड़ा, ओलावृष्टि हुई और बाढ़ आई थी जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ। प्रदेश में लगभग दो करोड 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड़ Þलघु एवं सीमांत किसान हैं।


विपक्ष ने उठाए सवाल

योगी कैबिनेट की पहली बैठक में प्रदेश के छोटे और मझोले किसानों का फसली कर्ज माफ किए जाने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गरीब किसानों के साथ धोखा करार दिया है। उधर कांग्रेस ने इस फैसले को 'ऊंट के मुंह में जीरा' बताते हुए कहा है कि भाजपा सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। उप्र चुनाव में गठबंधन के तहत लड़ने वाले इन दोनों दलों ने कहा है कि भाजपा ने पूरा कर्ज माफ करने का वादा किया था। साथ ही कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक लाख की कर्ज माफी पर भी सवाल खड़े किए हैं। हालांकि शिवसेना ने योगी सरकार के फैसले की खुलकर तारीफ करते हुए इसे गर्व का विषय बताया है। फैसले का ऐलान होने के तुरंत बाद अखिलेश ने इसे लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'वादा पूर्ण कर्ज माफी का था, किसी सीमा का नहीं।
एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा सा महसूस कर रहे है। ये गरीब किसानों के साथ धोखा है।

एक लाख तक के ऋण माफ

सिद्धार्थनाथ ने बताया कुल 30,729 करोड रुपए का कर्ज माफ किया गया है क्योंकि ये किसान बड़ा ऋण नहीं लेते इसी को ध्यान में रखते हुए एक लाख रुपए तक का ऋण उनके खाते से माफ किया जाएगा। सिंह ने कहा कि साथ ही सात लाख किसान और हैं, जिन्होंने कर्ज लिया था और वे उसका भुगतान नहीं कर सके, जिससे वह ऋण गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया और उन्हें कर्ज मिलना बंद हो गया। ऐसे किसानों को भी मुख्य धारा में लाने के लिए उनके कर्ज का 5630 करोड़ Þरुपए माफ किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर किसानों का 36,359 करोड़ रुपए का ऋण माफ किया गया है। किसानों को उनके गेहूं के लिए 1625 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तो मिलेगा ही, उसके अलावा दस रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ढुलाई और लदाई का भी दिया जाएगा। जिलाधिकारियों को आदेश जारी दिए गए हैं कि अगर किसी जिले में किसानों की ज्यादा मांग है तो अविलंब उस जिले में खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए।

बिचौलियों से मिलेगा छुटकारा

गेहूं किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के महत्वपूर्ण कदम के तहत योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला करते हुए राज्य में पांच हजार गेहूं खरीद केन्द्रों के जरिए 80 लाख टन गेहूं की सीधी खरीद का फैसला भी लिया। राज्य भर में सरकार पांच हजार गेहूं खरीद केन्द्र बनाएगी। कैबिनेट बैठक के बाद उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अभी तक पांच लाख टन और आठ लाख टन की खरीद होती थी। हमारी सरकार ने 80 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। चालीस लाख टन पहले चरण में और कुल लक्ष्य 80 लाख टन का रखा गया है।

Updated : 5 April 2017 12:00 AM GMT
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