ईरान बन सकता है दूसरा उत्तर कोरिया : टिलरसन

वॉशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलर्सन ने ओबामा के समय में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को एक विफल करार बताया और कहा कि बेलगाम ईरान दूसरा उत्तर कोरिया बन सकता है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से गुरुवार को मिली।
समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, टिलर्सन ने कहा कि अमेरिका ईरान पर अपनी नीति की समीक्षा कर रहा है। ओबामा के समय में हुए परमाणु समझौता के बारे में उन्होंने कहा कि यह तेहरान के परमाणु संपन्न बनने की गति को थोड़ा धीमा करता है। आनन फानन में यहां बुलाई गई एक संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को उन्होंने कहा कि यह समझौता उसी तरह से विफल हुआ है जिस तरह हम मौजूदा दौर में उत्तर कोरिया से खतरे का सामना कर रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप प्रशासन ईरान मामले की जिम्मेदारी भावी प्रशासन पर छोड़ने की ईच्छा नहीं रखता है, क्योंकि ईरान की परमाणु महत्वकांक्षा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। टिलर्सन की यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन के कांग्रेस को यह बताने के एक दिन बाद आई है कि तेहरान 2015 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा परमाणु समझौते पर की गई वार्ता का पालन कर रहा है, जो इस्लामिक गणराज्य की परमाणु क्षमता को सीमित करने संबंधित है।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस विचार पर समर्थन भी मांगा कि अमेरिका पश्चिम एशिया में ईरान के अस्थिरता वाले व्यवहार का बलपूर्वक मुकाबला करे। उन्होंने तेहरान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाला एक प्रमुख देश भी करार दिया। उन्होंने कहा कि साक्ष्यों से स्पष्ट है कि ईरान की उकसावे की कार्रवाई अमेरिका, क्षेत्र और दुनिया के लिए खतरा है। टिलर्सन ने कहा कि ऐसी संभावना है कि अनियंत्रित ईरान उसी रास्ते पर चल सकता है जिस पर उत्तर कोरिया चल रहा है और दुनिया को भी इसपर साथ ले जा सकता है।