रेलवे हुआ सख्त, कर्मचारी शराब पीकर आये तो खैर नहीं

रेलवे हुआ सख्त, कर्मचारी शराब पीकर आये तो खैर नहीं

-गार्ड व चालक पर रहेगी विशेष नजर
-कार्यालयों में होगा निरीक्षण

ग्वालियर| ड्यूटी के दौरान शराब पीने वाले रेलकर्मियों का निलंबन नहीं होगा बल्कि उन्हें सीधे सरकारी सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो ट्रेनों के सुचारू परिचालन के लिए रेलवे बोर्ड ने अपनी शराब नीति में संशोधन किया है। ट्रेनों के परिचालन से जुडेÞ रेलकर्मियों को श्रेणी एक तो बाकी को दो में रखा है। सूत्रों की मानें तो रेलवे बोर्ड जल्द ही एक आदेश जारी कर सकता है। जिसमें कहा गया है कि ड्यूटी शुरू या समाप्त करते समय ट्रेनों के परिचालन से जुड़े रेलकर्मियों का हर हाल में ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच होगी। सुपरवाइजर स्तर के अधिकारियों को कहा गया है कि वे कर्मचारियों के अलावा बाहरी लोगों से अपने कर्मचारियों की जानकारी लिया करें। वहीं सूत्रों के अनुसार टेस्ट में अगर शराब पीना पाया गया तो उस कर्मचारी की हाजिरी नहीं लगेगी। उसे ड्यूटी पर नहीं लिया जाएगा। टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव होने पर ही उपस्थिति दर्ज होगी।

क्या होगी कार्रवाई
श्रेणी-1
100 एमएल रक्त में अगर एक से 20 ग्राम तक अल्कोहल पाया गया तो उसे सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। अगर दूसरी बार जांच में 100 एमएल रक्त में 20 ग्राम तक ही अल्कोहल पाया गया तो बर्खास्त कर दिया जाएगा।
श्रेणी-2
रेल परिसर में शराब पीते हुए पाए जाने पर अगर कोई दो बाहरी व्यक्ति ने गवाही दे दी या मेडीकल रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो जाए, तो एक साल तक की सजा या फिर पांच सौ रूपए का जुर्माना किया जा सकता है।

दो श्रेणी में बंटे रेलकर्मी
श्रेणी-1: चालक, परिचालक, गार्ड, असिस्टेंट स्टेशन मास्टर, स्टेशन मैनेजर, यार्ड स्टॉफ, प्वाइंट्स मैन, लीवर मैन, केबिन मैन, व स्वीच मैन।
श्रेणी-2: मैकेनिकल, इलेक्ट्रीकल, कॉमर्शियल, आरपीएफ, पेंट्रीकार के कर्मचारी।

ये है रेलवे का उद्देश्य
*कार्यालय के माहौल को बेहतर बनाना
*ऐसे कर्मचारियों को सुधरने का मौका देना
*शराब पीने के आदी कर्मचारियों को संवेदनशील स्थानों पर डय्टी पर तैनात नहीं करना।

इनका कहना है
कोई भी कर्मचारी यदि शराब पीकर ड्यूटी पर पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ट्रेन में जाने से पहले चालकों का ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट भी किया जाता है।

मनोज कुमार, पीआरओ
झांसी मंडल

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