दो माह का वेतन न मिलने से गुस्साए आॅपरेटरों ने किया काम बंद
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पूर्व प्रभारी पर लगाए घूस मांगने के आरोप, प्रबंधन पर हावी कर्मचारी
ग्वालियर| हम क्या करें कहां से पैसे दें, विन्डो के पूर्व प्रभारी ने पहले हमसे ग्यारह हजार रूपए का मोबाइल लिया और अब नोट शीट पर हस्ताक्षर करने के लिए पैसे मांग रहे हैं, हम लोग कहां से पैसे दें, हमे तो खुद इतना वेतन मिलता है जिसमें घर चलाना मुश्किल हो जाता है, फिर हम कहां से पैसे दें । जब तक हमे पैसे नहीं मिलेंगे तब तक हम काम शुरू नहीं करेंगे। यह बात जयारोग्य चिकित्सालय के माधव डिस्पेंसरी में संचालित सेन्ट्रल विन्डो के आॅपरेटरों ने अस्पताल अधीक्षक से कही।
मामला बुधवार का है, जब दिसम्बर व जनवरी माह का वेतन न मिलने से परेशान आॅपरेटरों ने सुबह 10 से 11 बजे तक काम बंद कर दिया। कर्मचारियों के काम बंद करने के कारण अस्पताल में पहुंचे मरीजों के न तो पर्चे बन सके, और न ही मरीजों की अन्य किसी जांच या भर्ती की पर्ची कट सकी। मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण मरीज लाइन में परेशान होते रहे, काम बंद करने के बाद लगभग 20 मिनट बाद विन्डो के प्रभारी डॉ. विनीत चतुर्वेदी वहां पहुंचे और स्थिति को देखते हुए अस्पताल के कुछ कर्मचारियों को विन्डो पर बैठाल दिया, लेकिन वह कर्मचारी सही से काम नहीं कर पा रहे थे। डॉ. चतुर्वेदी ने पहुंचते ही एजेंसी के प्रभारी दिलीप मिश्रा को बुलाया और कहा कि बिना सूचना दिए काम कैसे बंद किया गया, साथ ही काम शुरू कराने की बात कही, लेकिन आॅपरेटरों का कहना था कि जब तक उन्हें वेतन मिलने का आश्वासन नहीं मिलता तब तक काम शुरू नहीं किया जाएगा।
विन्डो की स्थिति बिगड़ती देख डॉ. चतुर्वेदी ने पूरी जानकारी अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार को देते हुए विन्डो पर बुला लिया। इतना ही नहीं एजेंसी के प्रभारी दिलीप मिश्रा ने पूर्व विन्डो प्रभारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह कई बार महाविद्यालय अधिष्ठाता से लेकर अधीक्षक तक को भुगतान न होने की शिकायत कर चुके हैं, विन्डो के पूर्व प्रभारी राजीव तिवारी नोट शीट पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, जिस कारण परेशानी हो रही है। जिस पर डॉ. सिकरवार ने पहुंचते ही एक सप्ताह में वेतन दिलाने का आश्वासन दिया, करीब एक घण्टे तक चले हंगामे के बाद काम शुरू किया गया। लेकिन काम बंद होने के कारण विन्डो पर पहुंचे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
होगा नोटिस जारी:- बिना सूचना दिए काम बंद कर देने के कारण अधीक्षक डॉ. सिकरवार द्वारा एजेंसी को नोटिस जारी करते हुए जबाव मांगा है, साथ ही पूर्व प्रभारी राजीव तिवारी से भी जबाव मांगा है।
एजेंसी संचालक हो रहा परेशान:- इस मामले में सबसे ज्यादा परेशानी एजेंसी संचालक को झेलनी पड़ रही है, एजेंसी द्वारा एडवांस के तौर पर आॅपरेटरों को कुछ पैसे दिये जा चुके हैं, लेकिन अस्पताल के द्वारा नोट शीट पर हस्ताक्षर न होने के कारण एजेंसी को परेशानी हो रही है।
तीन माह के बच्चे को लेकर मां होती रही लाइन में परेशान
आॅपरेटरों के काम बंद कर देने के कारण पर्चा बनवाने पहुंचे मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी। बहोड़ापुर से अपने तीन माह के बच्चे रोहन के उपचार के लिए पहुंची एक मां अपने बच्चे को गोद में लिए करीब एक घण्टे तक परेशानी होती रही।
दो घंटे में भी नहीं बन सका पर्चा
कटीघाटी निवासी अनवरी ने बताया कि वह दो घण्टे से लाइन में खड़ी है, लेकिन काम बंद होने के कारण पर्चा नहीं बन सका।
इनका कहना है
विन्डो बंद होने की सूचना मुझे पहले से नहीं थी, मैं विगत माह से ही यहां का प्रभारी बना हूं, मुझे इनके वेतन संबंधित समस्या की कोई जानकारी नहीं है।
डॉ. विनीत चतुर्वेदी
सेन्ट्रल विन्डो प्रभारी
मेरे पास काम बंद करने की सूचना आई थी, एक सप्ताह में एजेंसी का भुगतान हो जाएगा।
डॉ. जे.एस. सिकरवार
अस्पताल अधीक्षक