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राजनीति में नहीं बल्कि दिलों में परिवर्तन होना बड़ी बात: दलाई लामा

मथुरा| ब्रज की दो दिवसीय यात्रा पर आये तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने सोमवार को रमणरेती स्थित काष्र्णि आश्रम में पत्रकार वार्ता में कहा कि विश्व में भारत ही सर्वधर्म वाला देश है और यहां के लोगों को इसे दुनिया को दिखाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं। कभी-कभी राजनीतिज्ञों के कारण यहां कुछ समस्याएं हो जाती हैं। दलाई लामा ने कहा कि भारत सर्वधर्म पर चलने वाला देश है। भारत के भाई-बहनों के लिए अब समय आ गया है कि वे भारत के सर्वधर्म, धार्मिक सौहार्द एवं समरसता को दुनिया को दिखायें। दुनिया को दिखायें कि भारत के पास यह एक खास चीज है। उन्होंने कहा कि वर्षों से भारत में करूणा एवं प्रेम रहा है। यदि आप करूणा एवं प्रेम से रहेंगे, तो दुनिया में कहीं भी रहेंगे, निश्चित रूप से सुखी रहेंगे।

दलाई लामा ने कहा कि सभी धर्मों का मूलमंत्र प्रेम एवं करूणा है। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में सात अरब के आसपास लोग किसी न किसी आपदाओं या ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं जो हमारे नियंत्रण में नहीं हैं। लेकिन हिंसा, भुखमरी जैसी कई ऐसी समस्याएं हैं जिन्हें मानव ने खुद ही अपनी लापरवाही एवं अज्ञानता से पैदा किया है, क्योंकि करूणा, प्रेम एवं दया नष्ट होती जा रही है। इसके अलावा दुनिया में गरीबी एवं अमीरी की खाई बहुत बढ़ गई है।

दलाई लामा ने कहा कि हम इन मानव निर्मित समस्याओं को दूर करने के लिए या तो नाम मात्र का प्रयास करते हैं या उनकी अनदेखी करते हैं। लेकिन कोई भी समझदार व्यक्ति इसकी अनदेखा नहीं करेगा। इसलिए इन समस्याओं की अनदेखी करना बिलकुल गलत है। दलाई लामा ने कहा कि मेरा मानना है कि यह अपने आप में अद्भुत है। विश्व के अन्य किसी देश में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए इसे समझा जा सकता है। मानवों में कुछ शरारती व्यक्ति भी हैं।

जाति प्रथा को सबसे बड़ी सामाजिक बुराई बताते हुए दलाई लामा ने कहा कि इससे समाज को लाभ नहीं हो सकता है। एक प्रश्न के उत्तर में दलाई लामा ने कहा कि देश की राजनीति में नया परिवर्तन होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन देश में रहने वाले लोगों के दिलों में परिवर्तन होना बड़ी बात हैं। अरूणाचल में उनकी यात्रा पर चीन द्वारा उठाये गये सवाल पर कहा वह अरूणाचल के लोगों में समाजिक सदभाव के लिए आते है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत के रिटायर आर्मी ऑफीसर चीन को नम्बर वन मानते है तो चीन को भी भारत को नम्बर वन मानना चाहिये। दलाई लामा से उनके मथुरा आगमन के कारण पर पूछे गये जवाव में कहा कि गुरू शरणानन्द उनके बहुत पुराने मित्र है और भाई जैसे हैं और काष्र्णि आश्रम में वह एक बौद्व प्रतिमा का अनावरण करने आये हुए हैं। आश्रम आगमन पर गुरू शरणानन्द महाराज ने दलाई लामा का स्वागत किया।

Updated : 21 March 2017 12:00 AM GMT
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