बिना अनुमति छात्रों पर होगी पुलिस कार्रवाई

विभागाध्यक्ष के साथ अधिष्ठाता ने ली बैठक, लगाई फटकार
ग्वालियर| जयारोग्य चिकित्सालय के बर्न यूनिट में फर्जी चिकित्सक का मामला उजागर होने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी विभागों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि बिना अनुपति अस्पताल में प्रशिक्षण लेने पर नर्सिंग छात्र के साथ-साथ संबंधित महाविद्यालय के विरुद्ध भी पुलिस कार्यवाही की जाएगी।
अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र नरवरिया ने बुधवार को अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार से चर्चा कर सभी विभागों में पत्र जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि विभाग में अगर कोई भी नर्सिंग छात्र बिना अपने महाविद्यालय के पहचान पत्र एवं ड्रेस में मिलता है तो उसकी जानकारी तत्काल प्रबंधन को दी जाए। ऐसे छात्र व महाविद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए मान्यता निरस्त की जाएगी। पत्र में यह भी कहा गया है कि अगर कोई छात्र मरीजों का उपचार करते पाया जाता है तो उस पर पुलिस कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले को लेकर गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एन. अयंगर ने भी सर्जरी विभागाध्यक्ष के साथ एक बैठक ली। बैठक में उन्होंने सीनियर रेसिडेंट एवं जूनियर चिकित्सकों को जमकर फटकार लगाते हुए जवाब मांगा, लेकिन चिकित्सक जवाब नहीं दे सके। सूत्रों के अनुसार डॉ. अयंगर ने डॉ. अचल गुप्ता को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि अगर विभाग में यह सब चल रहा था तो इसकी जानकारी उन्हें क्यों नहीं थी। इसके साथ ही जब मामला थाने पहुंचा तो चिकित्सक उस फर्जी छात्र को छुड़ाने के लिए बिना अनुमति के थाने कैसे पहुंचे। आप इस पूरे मामले की जांच कर सभी के बयान दर्ज कराएं।
अब कराना होगी जांच, लगेगी हाजिरी
फर्जी चिकित्सक का मामला उजागर होने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन ने यह भी कहा है कि अस्पताल में सिर्फ सात नर्सिंग महाविद्यलायों के छात्रों को ही प्रशिक्षण लेने की अनुमति प्रदान की गई है। प्रशिक्षण लेने आ रहे सभी छात्रों को अब सीधे मेटेÑन कार्यालय में पहुंचना होगा, जहां महाविद्यालय के स्टाफ द्वारा मेट्रेन को सभी छात्रों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी और हाजिरी लगाकर उनकी ड्यूटी भी मेट्रेन कार्यालय से ही तय की जाएगी।
जांच के लिए बनाई समिति
इस मामले में फंसे जूनियर छात्र सहित आरएसको को निष्कासित किया गया था, साथ ही संबंधित चिकित्सकों पर कार्रवाई करने के लिए महाविद्यालय द्वारा एक समिति का गठन किया गया है, जो चिकित्सकों की जांच कर रिपोर्ट महाविद्यालय को सौंपेगी।