पश्चिम बंगाल से सऊदी अरब के जेद्दा गए 27 भारतीय लापता, एटीएस ने शुरू की जांच

पश्चिम बंगाल से सऊदी अरब  के जेद्दा गए 27 भारतीय लापता, एटीएस ने शुरू की जांच
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मुंबई। पश्चिम बंगाल से सऊदी अरब के जेद्दा गए 27 तीर्थयात्रियों के लापता होने के मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस ने शुरू कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के किसी भी थाने में परिवार वालों ने किसी के लापता होने की रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई है।

एटीएस ने मुंबई के एक ट्रैवल एजेंट के अलर्ट करने पर जांच शुरू की है। मुंबई के ट्रैवल एजेंट पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के एक ट्रैवल एजेंट के साथ मिलकर इन यात्रियों का बंदोबस्त देख रहे थे। लापता हुए लोगों में से एक शेख नुरुज्जमन के घरवालों ने बताया कि वह 8 फरवरी को जेद्दा जाने के लिए मुर्शिदाबाद से निकला था। उन्होंने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक 44 वर्षीय शेख नुरुज्जमन को 22 फरवरी को लौटकर आना था, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं है। मुर्शिदाबाद के ट्रैवल एजेंट के मुताबिक शेख नुरुज्जमन हज उमरा के लिए गया था, लेकिन परिवार के मुताबिक वह वहां काम कर रहा है। महाराष्ट्र एटीएस को अभी तक इन लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

शेख नुरुज्जमन समेत लापता हुए सभी 27 यात्री मुर्शिदाबाद के हटपारा और डोमकल इलाके के रहने वाले हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर ट्रैवल एजेंट ने बताया कि वह मुंबई एटीएस की पूरी मदद कर रहा है। उसने यात्रियों के लीडर की वीजा डिटेल, पासपोर्ट की जानकारी और संपर्क नंबर एटीएस को दे दिए हैं। वहीं दूसरी ओर नुरुज्जमन की पत्नी ने बताया कि उसका पति जेद्दा में नौकरी करता है और नियमित रूप से फोन करता है। उसने बताया कि जब आखिरी बार बात हुई थी उसने सब खैरियत होने की बात कही थी। उसे उम्मीद है उसका पति किसी गलत काम में नहीं शामिल हो सकता है।

मुर्शिदाबाद की स्थानीय पुलिस का कहना है कि इस इलाके से सैंकडों लोग मजदूरी के लिए सउदी अरब के विभिन्न हिस्सों में जाते हैं, जिसमें से कई वापस लौटकर नहीं आते हैं। उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि यहां के कुछ युवक आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए देश छोडकर चले गए। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने ये भी बताया कि आईएसआईएस के लिए स्लीपर के तौर पर काम करने वाला जेबीएम बांग्लादेश में काफी सक्रिय है। जेबीएम आईएसआईएस के लिए नवयुवकों की तलाश करता है। इसी वजह से पिछले कुछ समय से सीमावर्ती इलाकों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

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