धार्मिक संस्थाओं व उत्सव समितियों पर 50 हजार से ज्यादा चंदा लेने पर लगेगा कर
भोपाल। मंदिर, ट्रस्ट और उत्सव समितियों के माध्यम से अब मनीलॉन्ड्रिंग नहीं हो सकेगी। सरकार ने आम बजट में आयकर अधिनियम में कुछ फेरबदल करते हुए धार्मिक संस्थाओं पर 50 हजार से अधिक का डोनेशन लेने पर रोक लगा दी है। इससे ज्यादा डोनेशन लेने वालीं संस्थाओं को बिना पंजीकरण कराए कोई छूट नहीं मिलेगी। 50 हजार से ज्यादा के डोनेशन को संस्था संचालक की व्यक्तिगत आय माना जाएगा। कथा समेत तमाम बड़े धार्मिक आयोजन करने वाले भी इस नियम के दायरे में आ गए हैं।
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर कालेधन को सफेद करने के मामले सामने आए थे। आयकर विभाग के सूत्र बताते हैं कि देश में 95 फीसदी से अधिक मंदिर, ट्रस्ट और दुर्गा और गणेश पांडालों के पास आयकर विभाग का पंजीयन नहीं है।
आम बजट में पेश किए गए नए प्रावधान यह बताते हैं कि मंदिर, ट्रस्ट और संस्थाओं को मिलने वाले डोनेशन पर व्यक्ति को मिलने वाले उपहार के नियम लागू होंगे। हालांकि इन सभी को आयकर अधिनियम की धारा 12 एए के तहत पंजीयन का विकल्प दिया गया है।